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LIC का शेयर रखने वालों को कई गुना फायदा होने वाला है, मोदी सरकार उठाने वाली है बड़ा कदम

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के रिटेल निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. खबर यह है कि एलआईसी में अपनी कुल 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. इसके साथ ही, वह बड़ी संख्या में बोनस शेयर भी जारी कर सकती है. मीडिया की खबरों में इस बात की भी चर्चा है कि सरकार रिटेल निवेशकों को खास ऑफर भी दे सकती है. सरकार एलआईसी की हिस्सेदारी बिक्री के लिए जल्द ही आईपीओ जारी कर सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2020 5:17 PM
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नयी दिल्ली : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के रिटेल निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. खबर यह है कि एलआईसी में अपनी कुल 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. इसके साथ ही, वह बड़ी संख्या में बोनस शेयर भी जारी कर सकती है. मीडिया की खबरों में इस बात की भी चर्चा है कि सरकार रिटेल निवेशकों को खास ऑफर भी दे सकती है. सरकार एलआईसी की हिस्सेदारी बिक्री के लिए जल्द ही आईपीओ जारी कर सकती है.

मीडिया की खबरों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने कैबिनेट के लिए अंतिम प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसके तहत एलआईसी कानून में जरूरी बदलाव भी किया जा सकता है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, एलआईसी में सरकार की 25 फीसदी तक हिस्सा बेचने का प्रस्ताव है. सरकार की आईपीओ के जरिए हिस्सा बेचने की तैयारी है. सरकार शुरुआत में ही बोनस जारी कर सकती है.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ये प्रस्तावित 25 फीसदी हिस्सेदारी एक या एक ज्यादा किस्तों में बेच सकती है. प्रदत्त पूंजी काफी छोटा होने की वजह से इक्विटी को पुनर्गठित करने की जरूरत है. इक्विटी को पुनर्गठित करने के लिए बोनस के जरिये पूंजी जुटाने का प्रस्ताव है. सूत्रों के मुताबिक इस ऑफर में रिटेल इन्वेस्टर्स और कर्मचारियों के लिए 10 फीसदी तक डिस्काउंट भी संभव है और रिटेल इन्वेस्टर्स और कर्मचारियों के लिए 5 फीसदी शेयर रिजर्व रखे जा सकते हैं.

कैबिनेट के लिए तैयार प्रस्ताव के मसौदे में इस बात का जिक्र है कि हिस्सेदारी बिक्री के साथ आगे बढ़ने से पहले एलआईसी अधिनियम 1956 में संशोधन का प्रस्ताव होगा. कंपनी अधिनियम के तहत एलआईसी एक कंपनी नहीं है, लेकिन एलआईसी अधिनियम 1956 के तहत वह एक सांविधिक निकाय के रूप में शामिल है. अधिनियम के वर्तमान प्रावधान के अनुसार, एलआईसी अधिकृत पूंजी और जारी की गयी पूंजी आदि प्रदान करने में असमर्थ है. इसके लिए प्रबंधन और बोर्ड को भी पुनर्गठित करना होगा.

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इन सभी उद्देश्यों के लिए अधिनियम में कुल छह संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं. यदि कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, तो सरकार आगामी संसद सत्र में एलआईसी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव पेश कर सकती है. संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि एलआईसी अधिनियम में सरकार का यह संशोधन आसानी से पारित हो जाएगा, क्योंकि सरकार इस विधेयक को धन विधेयक के रूप में लाने की योजना बना रही है, जिसके लिए प्रभावी रूप से केवल लोकसभा की मंजूरी की जरूरत है और सरकार के पास निचले सदन में प्रचंड बहुमत है.

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Posted By : Vishwat Sen

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