Aadhaar-PAN Link Deadline : अगर आपने अपने आधार नंबर को पैन (स्थायी खाता नंबर) से अब तक लिंक नहीं कराया है, तो आपके लिए जरूरी खबर है. वह यह कि सरकार ने आधार से पैन को लिंक कराने की अंतिम तारीख में तीन महीने बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आधार से पैन को लिंक कराने की आखिरी तारीख को तीन महीने के लिए बढ़ाते हुए 30 जून कर दिया है. इसके साथ ही, यह भी कहा गया है कि अगर 30 जून तक आधार को पैन से लिंक नहीं कराया जाएगा, तो पैन निष्क्रिय हो जाएगा.
30 जून तक आधार को पैन से लिंक कराना जरूरी
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार से जोड़ने की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर 30 जून, 2023 कर दी है. इससे करदाताओं को इस प्रक्रिया के लिए कुछ और समय मिल सकेगा. पहले इसकी समयसीमा 31 मार्च थी. बयान में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संबंधित प्राधिकरण को आधार-पैन को जोड़ने के लिए अपनी आधार संख्या की जानकारी दे सकेगा.
करदाताओं को बड़ी राहत
आयकर अधिनियम, 1961 के तहत किसी भी व्यक्ति जिसे एक जुलाई, 2017 तक पैन आवंटित किया गया है और वह आधार नंबर पाने का पात्र है, उसे संबंधित प्राधिकरण को तय शुल्क के भुगतान के साथ 31 मार्च, 2023 तक अपने आधार नंबर की जानकारी देने की जरूरत होगी. ऐसा करने पर विफल होने पर एक अप्रैल, 2023 से उनपर जुर्माना लग सकता है. अब सरकार की ओर से समयसीमा बढ़ा दिए जाने के बाद करदाताओं को बड़ी राहत मिली है.
1 जुलाई से पैन हो जाएगा निष्क्रिय
मीडिया की रिपोर्ट में कहा यह भी जा रहा है कि अब चूंकि सरकार की ओर से पैन को आधार से जोड़ने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून, 2023 कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में 1 जुलाई, 2023 से ऐसे करदाता जो अपने आधार की जानकारी देने में विफल रहे हैं, उनका पैन निष्क्रिय हो जाएगा. अभी तक 51 करोड़ पैन को आधार से जोड़ा जा चुका है.
किसे दी गई छूट
मीडिया की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अनिवासी भारतीयों के लिए पैन-आधार लिंकिंग की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति जो भारत के नागरिक नहीं हैं या फिर 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक और असम, मेघालय और जम्मू कश्मीर के निवासी हैं. 18 मार्च को आयकर विभाग ने ट्वीट किया था कि आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार सभी पैन धारकों के लिए अनिवार्य है, जो 31 मार्च 2023 से पहले अपने पैन को आधार से लिंक करने के लिए छूट श्रेणी में नहीं आते हैं.
रिफंड और ब्याज का नहीं कर सकते दावा
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संबंधित प्राधिकरण को आधार से पैन जोड़ने के लिए अपनी आधार संख्या की जानकारी दे सकेगा. एक बार पैन के निष्क्रिय होने के बाद संबंधित करदाता न तो कर रिफंड और न ही उस पर ब्याज का दावा कर पाएगा. इसके अलावा उससे स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) भी अधिक दर पर लिया जाएगा.
1000 रुपये जुर्माना के बाद फिर शुरू होगा पैन
मंत्रालय ने कहा कि संबंधित प्राधिकरण को 1,000 रुपये के भुगतान के बाद 30 दिन के अंदर पैन को फिर शुरू किया जा सकेगा. हालांकि, पैन-आधार को जोड़ने से छूट मिली हुई श्रेणी के लोगों को किसी तरह की कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस श्रेणी में कुछ निश्चित राज्यों में रहने वाले लोग, आयकर कानून के तहत अनिवासी, ऐसा व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है और पिछले साल के दौरान किसी भी समय 80 साल की आयु पूरी कर चुके व्यक्ति शामिल हैं.
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