पेंशन नियमों में बदलाव कर सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, देश के लाखों लोगों को होगा फायदा
7th Pay Commission : पीएम मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव कर उन्हें बड़ी राहत देने का काम किया है. सरकार की ओर से किए गए नियमों में बदलाव के बाद अब किसी भी कर्मचारी की असामयिक मौत होने पर उनके आश्रितों या परिजनों को प्रोविजनल पेंशन मिलने में देर नहीं होगी. केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 के नियम 80ए के अंतर्गत कुछ प्रावधानों में ढील दी गयी है, ताकि केंद्रीय कर्मचारियों के आश्रितों या फिर उनके परिजनों को प्रोविजनल पेंशन पाने के लिए दावा करते समय किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े. सरकार के इस कदम से देश के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा.
7th Pay Commission : पीएम मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव कर उन्हें बड़ी राहत देने का काम किया है. सरकार की ओर से किए गए नियमों में बदलाव के बाद अब किसी भी कर्मचारी की असामयिक मौत होने पर उनके आश्रितों या परिजनों को प्रोविजनल पेंशन मिलने में देर नहीं होगी. केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 के नियम 80ए के अंतर्गत कुछ प्रावधानों में ढील दी गयी है, ताकि केंद्रीय कर्मचारियों के आश्रितों या फिर उनके परिजनों को प्रोविजनल पेंशन पाने के लिए दावा करते समय किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े. सरकार के इस कदम से देश के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा.
पेंशन नियमों में कितना किया गया बदलाव?
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अब तक लागू नियमों के अनुसार, किसी संबंधित कर्मचारी की मौत होने की स्थिति में तत्काल फैमिली पेंशन शुरू कराने के लिए फॉर्म-14 के साथ डेथ सर्टिफिकेट और बैंक संबंधी ब्योरा जमा कराना पड़ता है. इन दस्तावेजों पर यदि मुख्यालय को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होती है, तो फैमिली पेंशन उसी समय जारी कर दी जाती है. सरकार ने फैमिली पेंशन जारी के नियमों में ही ढील देने का काम किया है.
ग्रेच्यूटी नियमों में नहीं किया गया है कोई परिवर्तन
हालांकि, कर्मचारी की मौत होने की स्थिति में ग्रेच्यूटी जारी किए जाने के नियमों में फिलहाल किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है. इस नियम के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी की प्रोविजनल पेंशन ज्यादा बन गयी है, तो बाद में इस राशि को मृत्यु ग्रेच्यूटी से मिलने वाली रकम से काटकर समायोजित कर लिया जाएगा.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों के लिए अब यह नया नियम बनाया गया है कि यदि सेवाकाल की अवधि में ही उनकी मौत हो जाती है, तो उनके आश्रितों, परिजनों को प्रोविजनल पेंशन का तुरंत भुगतान कर दिया जाएगा. इस केस में फाइनल ऑपरेशनल केजुअल्टी रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
कर्मचारियों के परिजनों को कितना होगा फायदा
सरकार के नये नियमों के अनुसार, अब कर्मचारी के परिजनों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. किसी कर्मचारी का सेवाकाल जितने भी समय का रहा हो, पेंशन के भुगतान में यह बात अब आड़े नहीं आएगी. पेंशन की राशि जारी होने के लिए अब सेवा की जांच जरूरी नहीं है. अभी तक केवल ग्रेच्यूटी के मामलों में सेवाकाल की जांच की जाती रही है. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी पर कुछ बकाया निकलता है, तो वह राशि मृत्यु ग्रेच्यूटी से काट ली जाएगी. मंजूर हुई पेंशन का भुगतान शुरू में कर्मचारी की मौत की तारीख से 6 महीने बाद तक जारी किया जाएगा. वेतन और लेखा विभाग की सलाह एवं कार्यालय प्रमुख की मंजूरी के साथ ही इस प्रकार की अंतरिम फैमिली पेंशन की अवधि को एक बार में 6 महीने से अधिक समय के लिए नहीं बढ़ाया जाएगा.
फिलहाल क्या है व्यवस्था
सिविल सर्विस कोड (सीएससी) के अनुसार, मौजूदा नियम यह है कि सेवाकाल के दौरान यदि किसी शासकीय कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो उसके नॉमिनी या परिजनों को उसकी पेंशन की राशि एवं डेथ ग्रेच्यूटी की राशि प्रदान की जाती है. हालांकि, इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है. ऐसे में मृतक के परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विभाग का प्रमुख इस प्रोविजनल पेंशन के भुगतान को स्वीकृत करना है.
नियम 80 के अंतर्गत विभाग प्रमुख लेखा एवं भुगतान शाखा के पास उस प्रकरण को भेजता है. यहां आवेदक से कई प्रकार के कागजात मांगे जाते हैं. इन्हें जुटाना मुश्किल होता है. यदि इन्हें पेश कर भी दिया जाए, तो भी पैसा मिलने में लंबा समय लग जाता है. चूंकि, इन प्रकरणों की अधिकता होती है, ऐसे में इनके निपटारे में वक्त लग जाता है. अब केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि नियम 54 (2) (II) सीसीएस (पेंशन) नियम के तहत पेंशन की राशि उसे भी दी जाएगी, जिसकी सेवा की अवधि एक साल से भी कम है.
क्या है फैमिली पेंशन के लिए जरूरी नियम
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फैमिली पेंशन स्कीम 1971 में यह प्रावधान है कि पारिवारिक पेंशन मुख्य रूप से केंद्रीय कर्मचारी की विधवा या विधुर को ही दी जाती है. यह भी उन कर्मचारियों के परिजनों को मिलेगी, जिनका सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है.
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केंद्रीय कर्मचारी के निधन के समय यदि कर्मचारी की संतान की उम्र 25 साल से कम है, तो वह भी फैमिली पेंशन पाने के पात्र हैं. जब तक उस संतान का विवाह नहीं हो जाता, तब तक उसे यह फैमिली पेंशन दी जाती है.
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फैमिली पेंशन पाने की दूसरी शर्त यह है कि जब तक उसकी मासिक आय 9 हजार रुपये से कम है, उसे पेंशन मिलेगी. नौ हजार रुपये से अधिक आमदनी होने पर यह पात्रता समाप्त हो जाती है.
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अगर दिवंगत कर्मचारी की बेटी अविवाहित है, विधवा या तलाकशुदा है तो ऐसे में भी वह फैमिली पेंशन पाने की हकदार होगी. यह फैमिली पेंशन योजना के नियम केंद्रीय सशस्त्र बल जैसे सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे कर्मचारियों समेत बाकी के सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू होते हैं. अब बदले हुए नियम का इन सभी लाखों कर्मचारियों के परिजनों को फायदा होगा.
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Posted By : Vishwat Sen
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