नयी दिल्ली : देश में आभूषण कारोबारियों को सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है. उसने सोने के गहनों और कलाकृतियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की समय सीमा बढ़ाकर एक जून, 2021 कर दी गयी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 की वजह से सरकार ने समय सीमा चार महीने से कुछ अधिक समय के लिए टाली है. सोने की हॉलमार्किंग फिलहाल स्वैच्छिक है. केंद्र ने पिछले साल नवंबर में इसे 15 जनवरी 2021 से अनिवार्य करने की घोषणा की थी. हॉलमार्किंग अपनाने और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) में रजिस्ट्रेशन के लिए आभूषण विक्रेताओं को एक साल से अधिक का समय दिया गया था.
रामविलास पासवान ने वेबिनार के जरिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा कि आभूषण विक्रेताओं ने समय बढ़ाने का अनुरोध किया था. हमने कोविड-19 संकट के मद्देनजर 15 जनवरी की समयसीमा को बढ़ाकर एक जून, 2021 तक कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगले साल एक जून से ज्वेलर्स को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी.
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (एजीजेडीसी) और भारतीय सर्राफा एवं आभूषण विक्रेता संघ (आईबीजेडीए) ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी. एजीजेडीसी के उपाध्यक्ष शंकर सेन ने हाल में कहा था कि लॉकडाउन के कारण आभूषण विक्रेताओं का बिक्री और परिचालन के काम में लगभग तीन महीने का नुकसान हुआ है. बिक्री के पटरी पर लौटने में 3-4 महीने लगेंगे. यह बहुत संभव है कि उनके गहने बगैर हॉलमार्किंग वाले रह जाएंगे.
बीआईएस पहले ही अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए एक हॉलमार्किंग योजना चला रहा है और फिलहाल करीब 40 फीसदी गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग की जा रही है. बीआईएस द्वारा अभी तक 28,849 आभूषण विक्रेता पंजीकृत किए गए हैं. बीआईएस के अनुसार, अनिवार्य हॉलमार्किंग आम लोगों को कम कैरेट वाले आभूषणों को खरीदने से बचने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ता सोने के गहने खरीदते समय धोखा न खाएं और और उन्हें आभूषणों पर अंकित शुद्धता के अनुसार ही आभूषणों की प्राप्ति हो.
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Posted By : Vishwat Sen
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