इनकम टैक्स को लेकर सरकार ने दी बड़ी राहत, जानिए किन लोगों को और कैसे मिलेगा फायदा
सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन के दौरान आर्थिक पैकेज में आयकरदाताओं को बड़ी राहत प्रदान किया है. इसके तहत सरकार ने सभी धार्मिक न्यासों, गैर-कॉरपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द ही लौटाने का ऐलान किया है.
नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन के दौरान आर्थिक पैकेज में आयकरदाताओं को बड़ी राहत प्रदान किया है. इसके तहत सरकार ने सभी धार्मिक न्यासों, गैर-कॉरपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द ही लौटाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही, सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया.
कर विवादों के निपटारे के लिए लायी गयी ‘विवाद से विश्वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है. इतना ही नहीं, सरकार ने टीडीएस का रेट 25 फीसदी घटा दिया है. यह इंटरेनट, रेंट, ब्रोकरेज सहित सभी पेमेंट पर लागू होगा. यह 14 मई से लागू होगा और 31 मार्च 2021 तक चलेगा. इससे लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये आयेंगे.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित आर्थिक पैकज का ब्यौरा रखते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के लिए कई तरह की राहतों का ऐलान करने के साथ ही पिछले वित्त वर्ष के लिए इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली पर्सनल इनकम टैक्स रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ी दी गयी है. पुराने लंबित कर विवादों के निपटारे के लिए लायी गयी विवाद से विश्वास योजना का लाभ भी अब 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लंबित विवादों के निपटारे की चाह रखने वाले करदाता अब 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें अलग से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा. वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर- कारपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जायेगा. उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18,000 करोड़ रुपये तक रिफंड का भुगतान करदाताओं को कर चुकी है. यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया.
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