चीन को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में सरकार, नितिन गडकरी ने उद्योगपतियों को बताया यह प्लान…
सीमा पर आंख तरेरने वाले चीन को सैन्य मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक क्षेत्र में भी सबक सिखाने के लिए सरकार लगातार सक्रिय है. चीन से आयात होने वाली कई वस्तुओं पर रोक लगा दी गयी है और अब वहां से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकि आर्थिक तौर पर उसे कमजोर किया जा सके. इसके लिए सरकार का ध्यान आत्मनिर्भर भारत के तहत घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उद्योग जगत से ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कहा है, जो चीन से आयातित वस्तुओं पर निर्भर हैं. उन्होंने उद्योगपतियों से देश को विश्व शक्ति बनाने के लिए आयात होने वाले सामानों का स्वदेशी विकल्प तलाशने की अपील भी की है.
नयी दिल्ली : सीमा पर आंख तरेरने वाले चीन को सैन्य मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक क्षेत्र में भी सबक सिखाने के लिए सरकार लगातार सक्रिय है. चीन से आयात होने वाली कई वस्तुओं पर रोक लगा दी गयी है और अब वहां से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकि आर्थिक तौर पर उसे कमजोर किया जा सके. इसके लिए सरकार का ध्यान आत्मनिर्भर भारत के तहत घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.
शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उद्योग जगत से ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए कहा है, जो चीन से आयातित वस्तुओं पर निर्भर हैं. उन्होंने उद्योगपतियों से देश को विश्व शक्ति बनाने के लिए आयात होने वाले सामानों का स्वदेशी विकल्प तलाशने की अपील भी की है.
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री गडकरी उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘भारत@75 शिखर सम्मेलन – मिशन 2022′ में कहा कि तीन साल के निर्यात और आयात के आंकड़ों के आधार पर किये जा रहे एक अध्ययन के अनुसार पता चलता है कि चीन का 70 फीसदी निर्यात 10 क्षेत्रों से संबंधित है. इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिकल मशीन और उपकरण भी शामिल हैं, जो चीन के कुल निर्यात में 671 अरब डॉलर यानी 26.09 फीसदी का योगदान देता है. इसके अलावा, कंप्यूटर समेत मशीनरी का निर्यात में 10.70 फीसदी यानी 417 अरब डॉलर का योगदान है.
गडकरी ने उद्योग जगत से अपील की कि वे महानगरों और विकसित शहरों से इतर ग्रामीण, दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों में उद्यमों का एक नेटवर्क बिछाने पर ध्यान दें. उन्होंने कहा, ‘मुझे इससे दुख होता है कि उद्योग निकायों का 90 फीसदी ध्यान बड़े शहरों और महानगरों में प्रमुख उद्योगों पर है. ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों पर शायद ही कोई ध्यान केंद्रित करता है. इसे बदलने की आवश्यकता है. भारत को एक महाशक्ति बनाने के लिए अग्रिम क्षेत्र के हिसाब से नियोजन समय की जरूरत है.
गडकरी ने कहा कि चीन का 70 फीसदी निर्यात 10 क्षेत्रों से होता है. उन्होंने सीआईआई से अपील की कि वह इस बात की पहचान करे कि भारत में किस तरह का आयात किया जाता है और इन्हें स्थानीय उत्पादों से कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है. उन्होंने इस प्रयास में सरकार से हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिया. उन्होंने कहा, ‘सीआईआई को निर्यात को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के लिये क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए. कुछ क्षेत्रों में हमें भारतीय निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए आयात शुल्क बढ़ाना होगा.
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Posted By : Vishwat Sen
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