Budget 2023: इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी पर बढ़ सकती है डेडलाइन

उद्योग संगठन सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हिकल्स (एसएमईवी) ने बजट से पहले की सिफारिशों में बिजली से चलने वाले वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की. एसएमईवी ने एक बयान में कहा कि फेम-दो की वैधता 31 मार्च 2024 को समाप्त हो जाएगी.

By KumarVishwat Sen | January 31, 2023 9:26 PM

नई दिल्ली : अगर आप नए साल पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो 31 जनवरी तक थोड़ा इंतजार कर लीजिए. संभावना यह है कि मोदी सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2023-24 में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी की समयसीमा को विस्तार दे सकती है. इसका कारण यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन एसएमईवी ने फेम-दो योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी की समयसीमा का विस्तार करने का अनुरोध किया है. संगठन ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बनाने के लिए हल्के से भारी वाणिज्यिक वाहनों को भी योजना में शामिल किया जाए.

बिजली चालित वाहनों पर 5 फीसदी जीएसटी की मांग

समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, उद्योग संगठन सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हिकल्स (एसएमईवी) ने बजट से पहले की सिफारिशों में बिजली से चलने वाले वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की मांग की. एसएमईवी ने एक बयान में कहा कि फेम-दो की वैधता 31 मार्च 2024 को समाप्त हो जाएगी. फेम की वैधता का विस्तार करने की जरूरत है. संगठन ने कहा कि वाहनों के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की जितनी पैठ बननी चाहिए थी, उतनी अभी नहीं बन पाई. सब्सिडी इसे गति देने के लिए है.

Also Read: फिर से दिखा धौनी का देशप्रेम, पंजाब से खरीदी मिलिट्री व्हिकल निस्सान जोंगा, इधर स्टेडियम में फैंस कर रहे इंतजार
20 फीसदी पहुंच के बाद हटाई जा सकती है सब्सिडी

संगठन ने कहा कि बाजार के रूझान बताते हैं कि ई-वाहन खासकर इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों में कुल दोपहिया बाजार के 20 फीसदी तक पहुंचने के बाद भी बढ़ने की क्षमता है. उसने कहा कि इसके बाद सब्सिडी हटाई जा सकती है. उद्योग संगठन ने हल्के, मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों को भी परियोजना के आधार पर योजना में शामिल करने का सुझाव दिया है और कहा है कि भारत को आने वाले तीन से चार वर्षों में ट्रकों और भारी वाणिज्यिक वाहनों में भी ई-वाहनों को अपनाने के लिए तैयार रहना होगा. इसके अलावा, एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों पर एक समान पांच फीसदी जीएसटी लगाने का भी अनुरोध किया.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version