नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मांग और खर्च को बढ़ाने पर जोर दिया है. जीएसटी परिषद की बैठक से पहले आयोजित एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्यों को 50 साल के लिए ब्याजमुक्त ऋण देने का ऐलान किया है. इसके तहत राज्यों को आगामी 50 साल तक लोन के बाद किसी प्रकार के ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा और 50 साल के बाद किस्तों में उन्हें लोन का पुनर्भुगतान करना होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों को 50 साल के लिए विशेष ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. इसका पहला हिस्सा 2500 करोड़ रुपये का होगा. इसमें से 1600 करोड़ रुपये उत्तर-पूर्व को दिया जाएगा. बाकी के 900 करोड़ रुपये उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को दिए जाएंगे. दूसरे हिस्से के तहत 7500 करोड़ रुपये दूसरे राज्यों को दिए जाएंगे. इस रकम का बंटवारा राज्यों के बीच वित्त आयोग में राज्यों की हिस्सेदारी के आधार पर तय किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 50 साल के ब्याजमुक्त ऋण का तीसरा हिस्सा 2000 करोड़ रुपये का होगा. यह उन राज्यों को दिया जाएगा, जो आत्मनिर्भर राजकोषीय घाटा पैकेज के 4 सुधारों में से 3 शर्तों को पूरा कर रहे हों. वित्त मंत्री ने कहा कि वन-टाइम स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम में 4000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. अगर राज्य सरकारों ने यह रकम खर्च कर ली है, तो और 8000 करोड़ रुपये डिस्बर्स किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 50 साल के लिए 12,000 करोड़ रुपये का जो ऋण दे रही है, उसमें पहला और दूसरा हिस्सा ब्याजमुक्त होगा, लेकिन इस रकम को 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा. इसका 50 फीसदी हिस्सा पहले दिया जाएगा. उसके इस्तेमाल होने के बाद बाकी का 50 फीसदी दिया जाएगा. ये 12,000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण पूंजीगत खर्च के लिए दिया गया है. यह रकम राज्यों की ऋण लेने की सीमा से अलग दिया गया है. 50 साल के बाद किस्तों में इस ऋण का पुनर्भुगतान करना है.
Posted By : Vishwat Sen
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