मुंबई : भारत के किसानों की आमदनी बढ़ाने और उनकी फसलों को उचित मूल्य दिलाने की दिशा में सरकार ने ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार ने सर्दी की फसल बाजार में आने के बाद सरकार पूरे देश के कोने-कोने से करीब 3 लाख टन प्याज की खरीद करेगी, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा है कि सर्दी की फसल आने के बाद सरकारी एजेंसियां तीन लाख टन प्याज खरीदेंगी. पिछले साल रबी फसल की कुल खरीद 2.5 लाख टन रही थी.
किसानों को उचित मूल्य दिलाने का प्रयास
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों की प्याज फसल को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए मैंने प्याज की खरीद पिछले साल के 2.5 लाख टन के मुकाबले बढ़ाकर इस साल तीन लाख टन करने का पहले ही आदेश दे दिया है. उन्होंने कहा कि नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन और नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नाफेड) को भी ‘देर से बुवाई वाली खरीफ’ फसल का स्टॉक खरीदने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अभी बाजारों में उपज उपलब्ध नहीं है.
महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक कर रहे प्रदर्शन
पिछले महीने प्याज की कीमतों में भारी गिरावट के बाद महाराष्ट्र में उत्पादक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. नासिक जिले के लासलगांव के सबसे बड़े बाजार सहित अन्य बाजार बंद कर दिए गए हैं और किसानों द्वारा प्याज भी फेंक दिया गया है. किसानों का दावा है कि उन्हें फसल के लिए बहुत कम कीमत मिल रही है, जो उनकी लागत का एक मामूली भाग ही है और वे व्यापक दबाव को देखते हुए राज्य एजेंसियों से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं.
प्याज की कीमतों में क्यों आई गिरावट
प्याज के मूल्यों में आई इस गिरावट के पीछे किसान मानसून के लंबा चलने और पिछले दो सत्रों में ‘देर से बोई गई खरीफ’ प्याज की अधिक कीमत रहने को जिम्मेदार मानते हैं, जिसके कारण कई किसानों ने कम स्वजीवन (शेल्फ लाइफ) वाले या कम समय तक ठीक रहने वाले विशेष प्याज किस्म की बुवाई की है. इसके अलावा इस गिरावट का कारण निर्यात पर होने वाला प्रभाव को भी जिम्मेदार माना गया है, क्योंकि बांग्लादेश जैसे प्रमुख उत्पादकों ने अपना प्याज उगाना शुरू कर दिया है.
किसानों को मुआवजा देने पर राजी हुई थी महाराष्ट्र सरकार
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च महीने की शुरुआत में कीमतों में गिरावट के बीच महाराष्ट्र सरकार प्याज किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल का मुआवजा देने पर सहमत हुई थी. अप्रैल-जून के दौरान काटी गई रबी प्याज की फसल भारत के प्याज उत्पादन का 65 फीसदी हिस्सा है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ की फसल की कटाई तक उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करती है. कुल प्याज उत्पादन अपने पिछले वर्ष के दो करोड़ 66.4 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में तीन करोड़ 17 लाख टन होने का अनुमान है और केंद्र ने इसकी 2.50 लाख टन खरीद की.
भाषा इनपुट
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