ABVK Yojana/ESIC News Updates : देश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए बीते 25 मार्च से लागू संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान नौकरी से निकाले गए लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार ने लॉकडाउन की वजह से बीते 24 मार्च से लेकर आगामी 31 दिसंबर 2020 के बीच बेरोजगार होने वाले कामगारों को बेरोजगारी भत्ते का फायदा देने के लिए नियमों में ढील देने का फैसला किया है. सरकार की ओर से नियमों में ढील दिए जाने के बाददेश के करीब 40 लाख से अधिक औद्योगिक कामगारों को उनके तीन महीने के औसत वेतन के हिसाब से 50 फीसदी बेरोजगारी भत्ता के तौर पर भुगतान किया जाएगा.
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वाले औद्योगिक कामगारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने वाला यह प्रस्ताव कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के बोर्ड ने पास किया है. ईएसआईसी बोर्ड की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार कर रहे हैं. ईएसआईसी ने इस बात का अनुमान लगाया है कि औद्योगिक कामगारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने की खातिर सरकार की ओर से उठाए जाने वाले इस कदम से बीते 24 मार्च से लेकर आगामी 31 दिसंबर के बीच बेरोजगार होने वाले देश के करीब 41 लाख मजदूरों को इसका लाभ मिल सकेगा.
ईएसआईसी बोर्ड के प्रस्ताव से 75 लाख मजदूरों को होगा फायदा
अंग्रेजी के अखबार लाइव मिंट में प्रकाशित खबर के अनुसार, ईएसआईसी बोर्ड की सदस्य अमरजीत कौर ने कहा कि सरकार के इस कदम से ईएसआईसी के तहत आने वाले मजदूरों को उनके पिछले तीन महीने के औसत वेतन का 50 फीसदी नकदी लाभ प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि ईएसआईसी बोर्ड के इस प्रस्ताव पर मुहर पहले ही लग चुकी थी, लेकिन इसका फायदा कुछ सीमित कामगारों को ही मिल रहा था. सरकार ने बोर्ड के प्रस्ताव को व्यापक तौर पर लागू करने के लिए नियमों में ढील देने का फैसला किया है. सरकार के फैसले के बाद अब इस लाभ के दायरे में आने वाले करीब 75 लाख से अधिक औद्योगिक कामगारों को आर्थिक सहायता का फायदा मिलने की संभावना है.
ईएसआईसी के दायरे में कौन-कौन होते हैं शामिल?
राज्य कर्मचारी बीमा निगम यानी ईएसआईसी के दायरे में ऐसे कामगार शामिल होते हैं, जिनका मासिक वेतन 21,000 रुपये तक हो. इनके वेतन का एक हिस्सा हर महीने कटकर ईएसआईसी में जाता है, ताकि उन्हें चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सके. ऐसे कामगारों को आईपी यानी इन्स्योर्ड परसन कहते हैं. फिलहाल, एक आईपी अपने वेतन का 0.75 फीसदी और उसकी कंपनी 3.25 फीसदी ईएसआईसी में जमा करते हैं.
कैसे मिलेगा लाभ?
सरकार की इस योजना के तहत नौकरी गंवाने के 30 दिनों के भीतर पैसा आ जाएगा. इसके लिए 12 अंकों वाले आधार नंबर की जरूरत होगी. इसी के आधार पर उन मजदूरों की पहचान होगी, जिन्हें बेरोजगारी भत्ते के तौर पर आर्थिक सहायता दी जानी है. सरकार की ओर से औद्योगिक कामगारों को अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत पैसे का भुगतान किया जाएगा. हालांकि, सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में की गयी थी. इस योजना के तहत नौकरी गंवाने वालों को उसके मासिक वेतन का करीब 25 फीसदी हिस्सा ही बेरोजगारी भत्ता के रूप में देने का नियम तय किया था, लेकिन इसमें कुछ कठिनाई आने की वजह से इसे व्यापक बनाया गया.
किसे मिलेगा फायदा?
ईएसआईसी के नियमों के मुताबिक, सरकार की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के दायरे में वैसे औद्योगिक कामगार शामिल किए जाएंगे, जो कम से कम पिछले दो साल आईपी हों. इसका मतलब यह हुआ कि वे बीते दो साल से ईएसआईसी में अपने वेतन का एक हिस्सा जमा कराते आ रहे हैं. इसके साथ ही, पिछले दो साल में कम से कम 78 दिनों तक उनके वेतन का एक हिस्सा ईएसआईसी में योगदान के तौर पर जमा होना चाहिए, तभी वे सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.’EMI moratorium किसको देना है और किसको नहीं? ये अब बैंक करेंगे तय’
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Posted By : Vishwat Sen
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