नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार की ओर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों में आगामी तीन महीने तक नियोक्ता (Employer) और कर्मचारी (Employee) के हिस्से की रकम डालने का ऐलान किया है. सरकार उन कंपनियों के कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में यह रकम डालेगी, जिन कंपनियों में 100 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. इसमें भी शर्त यह है कि सरकार उन कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में रकम डालेगी, जो अपने नियोक्ता से 15,000 रुपये से कम वेतन लेते हैं. सरकार के इस कदम से देश के 80 लाख मजदूरों और 4 लाख संगठित इकाइयों के कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा.
गुरुवार को राहत पैकेज की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर्मचारियों को भविष्य निधि खाते से 75 फीसदी जमाराशि अथवा तीन महीने के वेतन में जो भी कम हो, उसे निकालने की अनुमति दी गयी है. छोटी इकाइयों को राहत देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अगले तीन महीने तक उन प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी. सरकार इसके तहत उन प्रतिष्ठानों का भविष्य निधि योगदान जमा करायेगी, जिनमें 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये तक के वेतन पाते हैं.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन से निपटने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को अंतिम रूप दिया है. कुल 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से होगा और नकदी मदद एक अप्रैल से मिलेगी. गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी और उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए खासतौर से गरीबों, बुजुर्गों, स्वयं सहायता समूहों और निम्न आय वर्ग को राहत देते हुए 1.70 लाख करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की घोषणा की.