नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ओड़िशा के कटक स्थित आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में आईटीएटी के कार्यालय-सह-आवासीय परिसर के उद्घाटन समारोह में भाग लिया. उन्होंने कहा कि अब सरकार की सोच ये है कि जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हो रहा है, उस पर पहले पूरी तरह विश्वास करो. इसी का नतीजा है कि आज देश में जो रिटर्न फाइल होते हैं, उनमें से 99.75 प्रतिशत बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिए जाते हैं. ये बहुत बड़ा बदलाव है, जो देश के टैक्स सिस्टम में आया है.
उन्होंने कहा कि कटक बेंच आज अपने नये और आधुनिक परिसर में स्थानांतरित हो रही है, इतने लंबे समय तक किराये की बिल्डिंग में काम करने के बाद अपने घर में जाने की खुशी कितनी होती है, इसका अनुमान आप सभी के चेहरों को देखकर लगाया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड ने कर दाता और कर संग्राहक, दोनों के रिश्तों को शोषित और शोषक के रूप में ही विकसित किया. दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारी जो टैक्स व्यवस्था रही, उसमें छवि को बदलने के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे, वो उतने नहीं किये गये.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बादल बरसते हैं, तो उसका लाभ हम सभी को दिखाई देता है. लेकिन, जब बादल बनते हैं, सूर्य पानी को सोखता है, तो उससे किसी को तकलीफ नहीं होती. इसी तरह शासन को भी होना चाहिए. जब आम जन से वो टैक्स ले, तो किसी को तकलीफ ना हो, लेकिन जब देश का वही पैसा नागरिकों तक पहुंचे, तो लोगों को उसका इस्तेमाल अपने जीवन में महसूस होना चाहिए.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का कर दाता पूरी कर प्रणाली में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है. जब उसे रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता, कुछ ही सप्ताह में उसे रिफंड मिल जाता है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है. जब वो देखता है कि विभाग ने खुद पुराने विवाद को सुलझा दिया है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब कर दाता को फेसलेस अपील की सुविधा मिलती है, तब वो कर पारदर्शिता को और ज्यादा महसूस करता है. साथ ही कहा कि जब कर दाता देखता है कि आयकर कम हो रहा है, तब उसे कर पारदर्शिता अनुभव होती है.
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के समय कर आतंकवाद की शिकायतें होती थीं. आज देश उसे पीछे छोड़ कर कर पारदर्शिता की तरफ बढ़ रहा है. कर आतंकवाद से कर पारदर्शिता का ये बदलाव इसलिए आया है कि हम रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हम रिफॉर्म कर रहे हैं, रूल्स में, प्रक्रियाओं में तकनीक की भरपूर मदद ले रहे हैं. हम साफ नीयत के साथ और स्पष्ट इरादों के साथ परफॉर्म कर रहे हैं. साथ ही साथ हम कर प्रशासन के मानसिकता को भी ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है, जहां कर दाता के अधिकारों और कर्तव्यों दोनों को कोडिफाई किया गया है, उनको कानूनी मान्यता दी गयी है. कर दाता और कर संग्राहक करनेवाले के बीच विश्वास बहाली के लिए, पारदर्शिता के लिए, ये बहुत बड़ा कदम रहा है.
उन्होंने कहा कि देश के धन सर्जक की जब मुश्किलें कम होती हैं, उसे सुरक्षा मिलती है, तो उसका विश्वास देश की व्यवस्थाओं पर और ज्यादा बढ़ता है. इसी बढ़ते विश्वास का परिणाम है कि अब ज्यादा से ज्यादा साथी देश के विकास के लिए टैक्स व्यवस्था से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं.
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