कोरोनावायरस (Coronavirus in india) संक्रमण के कारण देश में 40 दिनों का लॉकडाउन जारी है जो 3 मई तक चलेगा. आर्थिक गतिविधियां ठप हैं जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण कई सेक्टर्स की हालत बहुत ही खराब नजर आ रही है. इसी बीच एक ऐसी खबर आ रही है जो देश की जनता को राहत दे सकती है. दरअसल, मोदी सरकार बुधवार को एक और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. इस बारे में जानकारी अंग्रेजी वेबसाईट फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने दी है.
खबरों की मानें तो सरकार के इस राहत पैकेज का फोकस जिंदगी और रोजी रोटी दोनों बचाने पर केंद्रित होगा. संभावना व्यक्त की जा रही है कि आज के राहत पैकेज से MSMEs, एक्सपोर्ट्स, एविएशन, कंस्ट्रक्शन सहित उन सेक्टर को सरकार राहत देगी जिनमें बड़ी तादाद में मजदूरों की आवश्यकता होती है. राहत पैकेज जारी करने से पहले बुधवार को यानी आज कैबिनेट की एक जरूरी बैठक भी होने वाली. इस बैठक में सरकार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का काम सरकार कर सकती है.
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फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें तो, कोरोनावायरस संक्रमण के इस संकट से निकलने के लिए सरकार 6-8 लाख करोड़ रुपये के कुल पैकेज का ऐलान कर सकती है. यह GDP का कुल 3-4 प्रतिशत है. इसके इतर आरबीआई सिस्टम में नकदी बनाए रखने के प्रयास में लगा हुआ है. बताया जा रहा है कि सरकार एकबार में कोई बहुत बड़ा राहत पैकेज लाने से परहेज करेगी. वह अगले कुछ हफ्तों के दौरान 6-7 चरणों में राहत पैकेज लाएगी. छोटे-छोटे चरणों में पैकेज लाने का उद्देश्य यह है कि आने वाले दिनों में कैसा दौर आएगा उसको लेकर भी सरकार चिंतित है. सरकार आगे के इंतजाम में भी लगी हुई है.
यदि आपको याद हो तो कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ लंबी बातचीत की थी जिसके बाद ही राहत पैकेज पर आखिरी निर्णय लिया गया था. सीतारमण इससे पहले भी एक पैकेज का ऐलान कर चुकी हैं. पहला राहत पैकेज गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों पर केंद्रित था.
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केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से प्रभातिव मजदूरों को राहत देने के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान पहले ही कर चुकी है. पहले पैकेज की बात करें तो इसमें किसान, दिहाड़ी मजदूर, SME सेक्टर को बड़ी राहत सरकार की ओर से दी गयी थी.
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