Power Crisis in India: केंद्र सरकार ने माना- कोयले की कमी से प्रभावित हुआ था बिजली का उत्पादन, कही ये बात
Power Crisis in India: भारत सरकार ने कहा है कि पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बताया है कि 12 अक्टूबर को 11 गीगावाट बिजली की कमी थी. 14 अक्टूबर को घटकर 5 गीगावाट रह गयी.
Power Crisis in India: कोयले की कमी से बिजली संकट पर पहली बार भारत सरकार की ओर से बयान जारी किया गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारत सरकार के हवाले से कहा है कि बिजली संकट में काफी सुधार हुआ है. 12 अक्टूबर को कोयले की कमी की वजह से जरूरत से 11 गीगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है. 14 अक्टूबर को यह घटकर 5 गीगावाट रह गया है.
भारत सरकार ने कहा है कि पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (POSOCO) ने बताया है कि 12 अक्टूबर को 11 गीगावाट बिजली की कमी थी. 14 अक्टूबर को यह घटकर 5 गीगावाट रह गयी. इस बीच, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने झारखंड में स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) का दौरा करके कोयला उत्पादन के बारे में जानकारी ली.
The coal-based capacity under outage due to coal shortage has reduced. Power System Operation Corporation Limited (POSOCO) has reported that the total capacity of units under outage due to low coal stocks has reduced from 11 GW on 12th Oct to 5 GW on 14th Oct: Government of India
— ANI (@ANI) October 14, 2021
ज्ञात हो कि दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने कोयला आपूर्ति में कमी की वजह से बिजली का संकट उत्पन्न हो गया है. दिल्ली सरकार ने कहा कि नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) ने दिल्ली के बिजली संयंत्रों को कोयला की आपूर्ति कम कर दी है. इससे बिजली का उत्पादन कम हो गया है और सरकार को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है.
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हालांकि, बाद में सत्येंद्र जैन ने सफाई दी थी कि दिल्ली में कोई बिजली संयंत्र नहीं है. दिल्ली सरकार दूसरे राज्यों से बिजली खरीदती है और उसे अपने लोगों को सप्लाई करती है. बिजली संयंत्रों को कोयला नहीं मिल रहा है, इसलिए कंपनियों ने दाम बढ़ा दिये हैं, जिसका नुकसान सरकार को झेलना पड़ रहा है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी.
राज्य सरकारों की ओर से बिजली संकट का मुद्दा उठाये जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकालीन बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की थी. बैठक में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा दोनों विभागों के साथ-साथ एनटीपीसी के अधिकारी भी शामिल हुए थे. गृह मंत्रालय के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी बिजली की स्थिति की समीक्षा की थी.
Posted By: Mithilesh Jha
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