Inflation : आटे की कीमत कंट्रोल करने के लिए सरकार खोलेगी भंडार, बफर स्टॉक से 30 लाख टन बेचेगी गेहूं

आटा मिलों ने सरकार से एफसीआई से गेहूं के स्टॉक से अनाज बाजार में लाने की मांग की है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने पिछले हफ्ते कहा था, ‘हम देख रहे हैं कि गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी है. हम इस मुद्दे से अवगत हैं.

By KumarVishwat Sen | January 26, 2023 1:48 PM

नई दिल्ली : भारत में गेहूं के आटे की कीमत अपने चरम पर है. इसकी कीमत को नियंत्रित करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने अपना भंडार खोलने का फैसला किया है. खबर है कि देश में आटा की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अपने बफर स्टॉक से करीब 30 लाख टन गेहूं और इसके आटे की बिक्री खुले बाजार में करेगी. इस समय देश में आटे की औसत कीमतें बढ़कर करीब 38 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. सूत्रों ने बताया कि खाद्य मंत्रालय मुक्त बाजार बिक्री योजना(ओएमएसएस) के तहत 30 लाख टन गेहूं की खुले बाजार में बिक्री करेगा. बाकी लोगों के अलावा आटा मिलों और व्यापारियों को गेहूं का स्टॉक बेचा जाएगा.

एफसीआई के जरिए बेचा जाएगा गेहूं

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 19 जनवरी को कहा था कि गेहूं और आटे की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं और सरकार जल्द ही बढ़ती दरों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी. ओएमएसएस नीति के तहत सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अनुमति देती है. इसका उद्देश्य जब खास अनाज का मौसम न हो, उस दौरान इसकी आपूर्ति बढ़ाना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों पर लगाम लगाना है.

पिछले हफ्ते ही खाद्य सचिव ने दे दिए थे संकेत

आटा मिलों ने सरकार से एफसीआई से गेहूं के स्टॉक से अनाज बाजार में लाने की मांग की है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने पिछले हफ्ते कहा था, ‘हम देख रहे हैं कि गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी है. हम इस मुद्दे से अवगत हैं. सरकार द्वारा विभिन्न विकल्पों की तलाश की जा रही है और बहुत जल्द हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे. सचिव ने कहा था कि एफसीआई के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक है.

Also Read: 38 रुपये किलो आटा! कीमत पर MODI सरकार की पैनी नजर, अब भाव आएगा नीचे
पिछले साल गेहूं के निर्यात पर लगा था प्रतिबंध

घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में तेज गिरावट के बाद कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया, जो कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू चलने के कारण हुआ. पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन की खरीद के मुकाबले इस साल खरीद 1.9 करोड़ टन रह गई है. चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) ऋतु में गेहूं की फसल का रकबा थोड़ा अधिक है. नई गेहूं फसल की खरीद अप्रैल, 2023 से शुरू होगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version