Green Fuel in India: पेट्रोल-डीजल पर बढ़ते खर्च के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी घोषणा की है. नितिन गडकरी ने कहा कि देशभर में जल्द ही कार, बाइक और ऑटो-रिक्शा पूरी तरह से इथेनॉल (Ethanol) से चलेंगी. इसके लिए विभिन्न स्थानों पर इथेनॉल पंप (Ethanol Pumps) खोले जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को नागपुर में एक सप्ताह तक चलने वाली कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के दौरान कहा कि पूरे देश में जल्द ही विभिन्न स्थानों पर इथेनॉल पंप खोले जाएंगे. नितिन गडकरी ने कहा कि हम जल्द ही विभिन्न स्थानों पर इथेनॉल पंप स्थापित होते देखेंगे. उन्होंने कहा कि टोयोटा ने एक्सपो में अपनी 100 फीसदी इथेनॉल से चलने वाली कार को प्रदर्शित किया है और जल्द ही बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, हुंडई और मारुति सुजुकी जैसे अन्य ब्रांडों के कारों के Bio-Fuel मॉडल लॉन्च करने की उम्मीद है. ग्रीन फ्यूल की वकालत करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि यह डीजल का सस्ता, स्वच्छ और विदेशी मुद्रा बचाने वाला विकल्प होगा.
नितिन गडकरी ने कहा कि मेरा उद्देश्य है, हमें भारतीयों को भारत में जैव-ईंधन बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. हमारा उद्देश्य स्वदेशी को बढ़ावा देना है, जो देश के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कृषि को ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में विविधता देना हमारी योजना है. 100 फीसदी इलेक्ट्रिक, इथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य है और हम इस पर काम कर रहे हैं. मुझे लगता है कि दो साल के भीतर पूरी तस्वीर बदल जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र में एक जैव-सीएनजी संयंत्र कुछ महीनों में चालू हो जाएगा और अन्य क्षेत्रों को भी इसी तरह के उपक्रम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया. गडकरी ने बताया कि यूनियन पब्लिक अंडरटेकिंग इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हरियाणा के पानीपत में रोजाना 150 टन बायो-बिटुमेन के साथ एक लाख लीटर इथेनॉल प्रतिदिन बनाने के लिए एक संयंत्र स्थापित किया है. चावल के भूसे से एथेनॉल और कोलतार दोनों बनाए जाएंगे. जैव-कोलतार संयंत्र के साथ, किसान सड़कों के निर्माण में योगदान देंगे. इंडियन ऑयल बांस से भी एथेनॉल बनाएगी. यह दिल्ली में पराली जलाने के कारण बड़े पैमाने पर पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने में भी मदद करेगा.
नितिन गडकरी ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जो केंद्र सरकार के संगठनों के लिए 15 साल बाद अपने वाहनों को कबाड़ करना अनिवार्य बनाता है. यह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर भी लागू होगा. केंद्र सरकार ने यह नीति सभी राज्यों को भी भेजी है. गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने दायरे में आने वाले विभागों में 15 साल पुरानी बसों, ट्रकों और कारों को कबाड़ में लाना चाहिए.
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