Group insurance policy/Health Insurance Portability : अगर आपने अपने बैंक खाते के साथ प्रीमियम आधारित ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी ली, तो अब आप बैंक की दूसरी ग्रुप पॉलिसी का हिस्सा बन सकते हैं. इसका कारण यह है कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी (Group insurance policy) के दायरे में आने वाली हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (Health Insurance Scheme) को आसान बनाने की गाइडलाइंस (Guidelines) जारी की है. इसके तहत मौजूदा बैंक खाते के जरिए ही पॉलिसी को बदलने का विकल्प मिल जाएगा.
क्या है नया नियम?
इरडा की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने बैंक खाते के साथ प्रीमियम आधारित ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी ली है, तो वह अब इसी तरह की बैंक की ही दूसरी ग्रुप पॉलिसी का हिस्सा बन सकता है. इस तरह की पॉलिसी के जरिए पहले से तय रकम के आधार पर अस्पताल में भर्ती होने के खर्च की रकम मिलने का विकल्प होता है. सर्कुलर में इरडा ने यह भी कहा है कि ये पोर्टेबिलिटी व्यक्तिगत पसंद के आधार पर ग्राहक को दी जाएगी, न कि बैंक की मर्जी के आधार पर. साथ ही, बैंक के साथ ये सुविधा के लिए अधिकतम तीन स्वास्थ्य बीमा कवर देने वाली इंश्योरेंस कंपनियों को इजाजत दी जाएगी. उन्हीं के साथ बीमा पॉलिसी बदलने की इजाजत ग्राहक को दी जाएगी.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इरडा की ओर से जारी किए गए सर्कुलर को लेकर बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि समय के साथ-साथ प्रीमियम में मिलने वाली सुविधाओं में बदलाव के चलते लंबे समय से ग्राहकों को पोर्टेबिलिटी देने की जरूरत महसूस हो रही थी. इरडा की गाइडलाइंस के बाद उन्हें अपने प्रीमियम के हिसाब से मनचाही पॉलिसी की सहूलियत मिल सकेगी. बजाज कैपिटल के संयुक्त प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के अनुसार, मौजूदा बदलाव बैंक की तरफ से दी जाने वाली ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए किया गया है.
उनके अनुसार, कई बार ग्राहक को बैंक की तरफ से दी जाने वाली ग्रुप पॉलिस और इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से दी जाने वाली पॉलिसी में अंतर का पता नहीं चलता था. इसके चलते ग्राहक को शुरुआत में तो पॉलिसी सस्ती मिल जाती थी, लेकिन बाद में प्रीमियम के मुकाबले मिलने वाले फायदे में फर्क दिखने लगता था.
Posted By : Vishwat Sen
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