नयी दिल्ली : जीएसटी कौंसिल की बैठक में राज्यों के राजस्व में आयी कमी को दूर करने के लिए जो फार्मूला दिया गया था उसे लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने असहमति जतायी है और अबतक चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर अपना विरोध जता दिया है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटी प्रस्तावों पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के सभी फैसले राज्यों की सहमति के बिना सर्वसम्मति से लिए गए. सीएम ने मांग की कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाये.
जीएसटी कौंसिल की बैठक में राज्यों को राजस्व में आयी कमी को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक से कर्ज लेने का प्रस्ताव दिया गया हालांकि इस संबंध में फैसला होना अभी बाकी है. केंद्र का कहना है कि कोविड19 के कारण इस साल जीएसटी कलेक्शन को काफी नुकसान हुआ है. जीएसटी मुआवजा कानून के मुताबिक राज्यों को क्षतिपूर्ति दिये जाने की जरूरत है, लेकिन केंद्र सरकार के पास पैसे की कमी है, यही कारण है कि सरकार राज्यों को मुआवजा देने की बजाय विकल्प सुझा रही है.
राज्यों ने केंद्र के इस रवैये का विरोध किया है जिसके कारण केंद्र-राज्य के बीच तनाव की स्थिति है. गौरतलब है कि देश में जीएसटी 2017 में लागू हुआ था. उस वक्त यह कहा गया था कि जीएसटी सिस्टम को लागू करने में राज्यों को राजस्व का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी. जीएसटी सिस्टम को लागू करने के पांच साल के ट्रांजिशन पीरियड तक केंद्र सरकार राज्यों को मुआवजे की रकम देगी. अब मसला यह है कि जीएसटी कानून में यह कहा गया है कि राज्यों को मुआवजा जीएसटी फंड से दिया जायेगा. लेकिन जीएसटी फंड में पैसे नहीं हैं. ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तनाव और राजस्व की कमी को दूर करने के लिए कई विकल्पों पर चर्चा होगी.
केरल सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि केंद्र और राज्यों के बीच जारी यह तनातनी कानूनी लड़ाई का रूप भी ले सकती है. संभव है कि मुआवजे को लेकर वोटिंग के द्वारा तय हो कि क्या किया जाये. लेकिन इसके लिए 19 सितंबर तक इंतजार करना होगा क्योंकि जीएसटी कौंसिल की अगली बैठक उसी दिन है.
Posted By : Rajneesh Anand
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