GST: घड़ी और जूतों पर शनि की महादशा! जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में बढ़ सकता है टैक्स

GST: देश में घड़ी और जूतों पर शनि की महादशा लगने वाली है इसका कारण यह है कि राजस्थान के जैसलमेर में होने वाली जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में इनकी टैक्स दरों में बढ़ोतरी की संभावना है

By Abhishek Pandey | December 20, 2024 1:12 PM
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GST: देश में घड़ी और जूतों पर शनि की महादशा लगने वाली है इसका कारण यह है कि राजस्थान के जैसलमेर में होने वाली जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में इनकी टैक्स दरों में बढ़ोतरी की संभावना है. इसके विपरीत, हेल्थ और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के साथ-साथ कोल्ड ड्रिंक और बोतल बंद मिनरल वाटर की दरों में कटौती की जा सकती है.

निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होगी बैठक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित होगी. इस बैठक में राज्य के वित्त मंत्रियों के साथ अप्रत्यक्ष करों पर अहम चर्चा होने की संभावना है. प्रस्तावित बदलाव जीवन और स्वास्थ्य बीमा,लक्जरी सामान, एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) और अन्य श्रेणियों पर केंद्रित होंगे.

जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर संभावित बदलाव

जीएसटी परिषद जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर में कटौती के प्रस्तावों पर विचार कर सकती है.

  1. टर्म इंश्योरेंस: टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी छूट का प्रस्ताव.
  2. वरिष्ठ नागरिक: वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी छूट.
  3. ₹5 लाख तक की पॉलिसी: अन्य लोगों के लिए ₹5 लाख तक के कवरेज वाली पॉलिसियों पर जीएसटी छूट.
  4. ₹5 लाख से अधिक कवरेज: इससे अधिक कवरेज वाली पॉलिसियों पर 18% जीएसटी जारी रहेगा.

लक्जरी सामान वस्तुओं पर दरों में वृद्धि

  • कलाई घड़ियां (₹25,000 से अधिक): 18% से बढ़ाकर 28%.
  • महंगे जूते (₹15,000 से अधिक): 18% से बढ़ाकर 28%.
  • रेडीमेड कपड़े:
    • ₹1,500 तक: 5% जीएसटी.
    • ₹1,500-₹10,000: 18% जीएसटी.
    • ₹10,000 से अधिक: 28% जीएसटी.
  • सिगरेटऔर तंबाकू): मौजूदा 28% से बढ़ाकर 35%.

कर में कटौती की सिफारिशें

  • पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर (20 लीटर या अधिक): 18% से घटाकर 5%.
  • साइकिल (₹10,000 से कम): 12% से घटाकर 5%.
  • व्यायाम पुस्तिका: 12% से घटाकर 5%.

एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर विचार

एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने पर विचार किया जा सकता है. यदि यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया तो

  • एयरलाइनों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ मिलेगा.
  • टैक्स सिस्टम अधिक समग्र और किफायती बनेगा.
    वर्तमान में, एटीएफ पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य वैट लागू है. जीएसटी समावेशन से विमानन क्षेत्र को परिचालन लागत में राहत मिलने की संभावना है.

अन्य संभावित बदलाव

  1. इलेक्ट्रिक और छोटे वाहन: 12% से बढ़ाकर 18% जीएसटी.
  2. स्विगी और जोमैटो: खाद्य वितरण पर जीएसटी 18% (आईटीसी के साथ) से घटाकर 5% (आईटीसी के बिना).
  3. जीएसटी क्षतिपूर्ति: उपकर व्यवस्था को जून 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव.

महत्वपूर्ण नोट

2017 में जीएसटी लागू होने के समय पांच वस्तुएं—कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल, और एटीएफ—जीएसटी के दायरे से बाहर थीं. इन वस्तुओं को जीएसटी के तहत शामिल करने पर विचार करना विमानन सहित कई उद्योगों की मांग रही है.जीएसटी परिषद की इस बैठक के परिणामस्वरूप कई उद्योगों और उपभोक्ताओं पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.

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