जीएसटी परिषद ने कपड़े पर टैक्स की दरों को बढ़ाने का फैसला टाला, कल से लागू होना था नया स्लैब

जीएसटी परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में फुटवियर एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2021 1:56 PM

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्ष में शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बैठक में कपड़ा पर लगने वाले टैक्स बढ़ोतरी टालने का फैसला किया है. सितंबर महीने में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में कपड़ा पर लगने वाले टैक्स की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया था, जिसे कल यानी 1 जनवरी 2022 से लागू होना था. इस बीच, देश के कपड़ा कारोबारियों ने गुरुवार को ही केंद्र सरकार से कपड़ा पर लगने वाले टैक्स की दरों को नहीं बढ़ाने की मांग की थी. शुक्रवार को जीएसटी बैठक में इस बढ़ोतरी को टालने का फैसला सर्वसम्मति से किया गया है.

हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ दिल्ली में आयोजित बजट-पूर्व बैठक में शामिल हुए कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कहा कि वे कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में नहीं हैं. नई दर एक जनवरी 2022 से लागू होने वाली है. गुजरात की तरफ से रखी गई इस मांग का पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी समर्थन किया था.

बता दें कि जीएसटी परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में फुटवियर एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था. उस फैसले के मुताबिक, 1 जनवरी 2022 से सभी तरह के ‘फुटवियर’ उत्पादों और कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी की दर से कर लगेगा. गुजरात ने कपड़ा उत्पादों पर बढ़ी हुई दर को स्थगित करने की मांग रखी थी.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह फैसला आम आदमी के अनुकूल नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए. तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक के इस इकलौते एजेंडा का समर्थन कई राज्य कर रहे हैं और इस कदम को रोका जाना चाहिए. इसके साथ ही, त्यागराजन ने अगले बजट में तमिलनाडु को राज्य जीडीपी का पांच प्रतिशत उधारी जुटाने की बिना शर्त अनुमति देने की भी मांग रखी.

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उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में छोटे एवं मझोले उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लिहाजा केंद्र को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिए एक समग्र राहत पैकेज लेकर आना चाहिए. इस बैठक में शामिल केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि केंद्र को जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था पांच साल के लिए बढ़ा देना चाहिए.

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