GST Council Meeting : बैठक से पहले राज्यों ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा, अप्रैल से जीएसटी रकम नहीं देने का लगाया आरोप
gst counsil meeting, coronavirus, lockdown news : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी की बैठक से पहले ही राज्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज्यों का कहना है कि केंद्र जीएसटी की रकम राज्य सरकार को नहीं दे रही है, जिससे कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई की अभियान कमजोर पड़ रहा है.
GST Counsil Meeting : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी की बैठक से पहले ही राज्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज्यों का कहना है कि केंद्र जीएसटी की रकम राज्य सरकार को नहीं दे रही है, जिससे कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई की अभियान कमजोर पड़ रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कई राज्य सरकारें केंद्र पर जीएसटी की रकम अप्रैल से नहीं देने का आरोप लग रही है. राज्यों का कहना है कि न तो पैसा दिया जा रहा है न ही हमारे पत्र का जवाब. ऐसे में कोरोना महामारी से कैसे लड़ाई लड़ी जाए.
इन राज्यों में सैलरी संकट– बता दें कि कोरोना संकट के कारण कई राज्यों में सैलेरी संकट है. राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को समय पर सैलेरी नहीं दे पा रही है. महाराष्ट्र और त्रिपुरा जैसे राज्य में हेल्थकर्मी को भी समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. हालांकि आज राज्यों को उम्मीद है कि केंद्र कोई फैसला लें.
इससे पहले, समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने की संभावना है. कोविड-19 संकट ने राज्यों की वित्तीय समस्याएं बढ़ा दी है. बैठक से पहले विपक्षी दलों के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को इस मामले में साझा रणनीति तैयार करने के लिए डिजिटल तरीके से बैठक की.
गौरतलब है कि जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ. कमी का आकलन राज्यों के जीएसटी संग्रह में आधार वर्ष 2015-16 के तहत 14 फीसदी सालाना वृद्धि को आधार बनाकर किया जाता है. जीएसटी परिषद को यह विचार करना है कि मौजूदा हालात में राजस्व में कमी की भरपाई कैसे हो? केंद्र ने 2019-20 में जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किये. हालांकि, उपकर संग्रह से प्राप्त राशि 95,444 करोड़ रुपये ही थी.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra
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