जीएसटी पेयर्स के लिए लिए वित्त मंत्रालय ने राहत दी है. अब अब, 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी में छूट दी गयी है. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि 40 लाख तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को इस जीएसटी में छूट का लाभ मिलेगा. हालांकि शुरुआत में जीएसटी पर छूट की सीमा 20 लाख रुपये थी. इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल 1 प्रतिशत टैक्स का भुगतान कर सकते हैं.
बता दें कि एक बार जीएसटी लागू होने के बाद बड़ी संख्या में विभिन्न वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स के रेट को कम किया गया था. अब तक लक्जरी आइटम्स में 28 फीसदी जीएसटी लगता है. लक्जरी आइटम्स की लिस्ट में कुल 230 वस्तुएं थी जिनपर 28 फीसदी टैक्स लगता था. पर फिलहाल लगभग 200 वस्तुओं को इस स्लैब से हटाकर नीचे वाले स्लैब में कर दिया गया है.
निर्माण क्षेत्र में तेजी लाने के लिए विशेषकर आवास क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण राहत दी गयी है. इसे अब पांच फीसदी पर रखा गया है. खास कर सस्ते आवास के लिए जीएसटी की दर को एक प्रतिशत कर दिया गया है.
वित्त मंत्रालय ने अपने ट्वीट में यह भी बताया है कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से देश में करदाताओं की संख्या भी बढ़ी है और टैक्सपैयर्स बेस लगभग दोगुना हो गया है. जिस वक्त जीएसटी लागू किया गया था उस वक्त GST द्वारा कवर किए गए निर्धारित करदातओं की संख्या लगभग 65 लाख थी. अब निर्धारित करदाताओं की संख्या 1.24 करोड़ से अधिक हो गयी है.
जीएसटी में समय समय किये जा रहे सुधारों के कारण अब जीएसची की सभी प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित हो गयी है. इसमे अब तक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन और 131 करोड़ ई-वे बिल जेनरेट किए गए हैं.
इसके साथ ही पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर भी वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर उनके लिए सम्मान व्यक्त किया है और लिखा है कि हम राष्ट्र निर्माण में 2014-19 के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने जो विरासत छोड़ी थी, उनके स्थायी योगदान को याद करते हैं और. आइए हम जीएसटी के क्रियान्वयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हैं, जो कि भारतीय टैक्स प्रणाली में सबसे मूलभूत सुधारों में से एक के रूप में इतिहास गिना जायेगा.
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