23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बोतलबंद पानी और फलों के रस आधारित पेय पर कम हो सकती है जीएसटी

शीतल पेय उद्योग ने सरकार से कार्बोनेट पानी आधारित बोतलबंद पेय को अहितकर वस्तु की कर श्रेणी से हटाने का आग्रह किया है. साथ ही फलों के रस आधारित बोतलबंद पेय और पानी पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की कर दर घटाने के लिए भी कहा है. इंडियन बेवरेजेस एसोसिएशन (आईबीए) ने एक बयान में कहा कि फलों के रस आधारित पेय पर कर कम करने से घरेलू बागवानी क्षेत्र को बढ़त मिलेगी.

नयी दिल्ली: शीतल पेय उद्योग ने सरकार से कार्बोनेट पानी आधारित बोतलबंद पेय को अहितकर वस्तु की कर श्रेणी से हटाने का आग्रह किया है. साथ ही फलों के रस आधारित बोतलबंद पेय और पानी पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की कर दर घटाने के लिए भी कहा है. इंडियन बेवरेजेस एसोसिएशन (आईबीए) ने एक बयान में कहा कि फलों के रस आधारित पेय पर कर कम करने से घरेलू बागवानी क्षेत्र को बढ़त मिलेगी.

उद्योग जिन किसानों से फल की खरीद करता है उनका जीवन स्तर भी बेहतर होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे अपने पत्र में आईबीए ने बोतलबंद पानी को मौजूदा 18 प्रतिशत की कर दर के बजाय 12 प्रतिशत के दायरे में लाने का सुझाव दिया. सीतारमण जीएसटी परिषद की अध्यक्षता भी करती हैं. जीएसटी से जुड़े फैसले लेने वाली यह सर्वोच्च इकाई है. इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं.

आईबीए ने अपने पत्र में कार्बोनेट पानी आधारित बोतलबंद पेय को 28 प्रतिशत की जीएसटी दर के बजाय 12 प्रतिशत की दर में लाने का आग्रह किया. इन उत्पादों पर उच्च जीएसटी के साथ-साथ उपकर भी लगता है. संघ ने कहा कि कार्बोनेट पानी आधारित बोतलबंद पेय पर 40 प्रतिशत जीएसटी शुल्क सरकार की जीएसटी से पूर्व और बाद की स्थिति को समान बनाए रखने की घोषित नीति के खिलाफ है.

कार्बोनेट पानी आधारित बोतलबंद पेय खाद्य सामग्री में इकलौता ऐसा उत्पाद है जिस पर जीएसटी उपकर भी लगता है. आईबीए ने फलों के रस आधारित पेय को 12 प्रतिशत जीएसटी की दर से पांच प्रतिशत के दायरे में रखने का आग्रह किया है.

Posted By: Pawan Singh

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें