GST payment : देश में जीएसटी फ्रॉड (GST fraud) पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार आगामी 1 जनवरी 2021 से कड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार के नए नियम के मुताबिक, देश की करीब 45,000 कंपनियों को 1 जनवरी से आवश्यक तौर पर एक फीसदी जीएसटी का नकदी भुगतान करना होगा. नए साल से लागू होने जा रही वस्तु एवं सेवाकर (GST) देनदारी के 1 फीसी नकद भुगतान की अनिवार्य व्यवस्था के दायरे में करीब 45,000 रजिस्टर्ड कंपनियां आएंगी. यह जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड कुल टैक्सपेयर्स का मात्र 0.37 फीसदी हिस्सा है. राजस्व विभाग से जुड़े सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
जीएसटी चोरी पर लगेगी लगाम
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (CBIC) ने फर्जी बिलों के माध्यम से कर चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए इस हफ्ते की शुरुआत में जीएसटी नियमों (GST rule) में यह संशोधन किया. इसके तहत 50 लाख रुपये से अधिक का मासिक कारोबार करने वाली इकाइयों को उनकी जीएसटी देनदारी का 1 फीसदी अनिवार्य तौर पर नकद में जमा कराना होगा.
99 फीसदी जीएसटी के बदले आईटीसी का इस्तेमाल
इस संशोधन के बाद एक जनवरी 2021 से जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां अपनी जीएसटी देनदारी के 99 फीसदी के बदले ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का इस्तेमाल कर पाएंगी. हालांकि, इस नियम से उन कंपनियों को छूट दी गयी हैं, जहां कोई प्रबंध निदेशक या सहयोगी 1 लाख रुपये से अधिक का व्यक्तिगत आयकर जमा कराता है या फिर पिछले वित्त वर्ष में जिसका बिना उपयोग हुआ आईटीसी रिफंड एक लाख रुपये से अधिक रहा हो.
जीएसटी के तहत 1.2 करोड़ टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड
सूत्रों के मुताबिक, आंकड़े दिखाते हैं कि जीएसटी के तहत लगभग 1.2 करोड़ टैक्सपेयर्स रजिस्टर्ड हैं. इनमें से मात्र करीब 4 लाख टैक्सपेयर्स की ही मंथली सप्लाई 50 लाख रुपये से अधिक है. इन 4 लाख में से भी मात्र 1.5 लाख लोग ही अपनी जीएसटी देनदारी का एक फीसदी नकद जमा करते हैं.
1.05 लाख टैक्सपेयर्स दायरे से हो जाएंगे बाहर
सूत्रों ने कहा कि नियमों में संशोधन के बाद छूट प्राप्त टैक्सपेयर्स को निकालने के बाद इन 1.5 लाख लोगों में से 1.05 लाख टैक्सपेयर और इसके दायरे से बाहर हो जाएंगे. ऐसे में मात्र 40 से 45 हजार टैक्सपेयर्स को ही यह अनिवार्य रूप से 1 फीसदी जीएसटी का नकदी भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि यह 1.2 करोड़ जीएसटी टैक्सपेयर्स का मात्र 0.37 फीसदी है.
Posted By : Vishwat Sen
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