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GST नियमों में बदलाव, छूट लेने वाले ग्राहकों को देना होगा शपथ पत्र

GST : आपूर्तिकर्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट या कोस्ट अकाउंटेंट से यह प्रमाण पत्र मांग सकते हैं कि जिसमें यह पुष्टि हो कि प्राप्तकर्ता ने आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी क्रेडिट नोट के अनुपात में आईटीसी लाभ वापस कर दिया है.

GST : जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के तहत क्रेडिट नोट्स के माध्यम से बिक्री के बाद छूट देने वाले आपूर्तिकर्ताओं के लिए नियमों में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बदलाव किया है. आपूर्तिकर्ताओं को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक एक हलफनामा या चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाण पत्र प्रदान करें, जिसमें पुष्टि की गई हो कि छूट वाले मूल्य पर प्राप्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लाभ वापस कर दिया गया है. वर्तमान में, ऐसी कोई प्रणाली नहीं है जिससे यह निगरानी की जा सके कि इन छूटों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) वापस किया गया है या नहीं.

लेना होगा CA से प्रमाण पत्र

जब तक आपूर्तिकर्ताओं और कर अधिकारियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड की जांच करने के लिए मेन पोर्टल में सुविधा नहीं जोड़ दी जाती, तब तक आपूर्तिकर्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट या कोस्ट अकाउंटेंट से यह प्रमाण पत्र मांग सकते हैं कि जिसमें यह पुष्टि हो कि प्राप्तकर्ता ने आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी क्रेडिट नोट के अनुपात में आईटीसी लाभ वापस कर दिया है.

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कुछ मामलों में हलफनाफा होगा काफी

यदि आपूर्तिकर्ता द्वारा प्राप्तकर्ता को वित्तीय वर्ष में प्रदान की गई छूट में शामिल कर राशि (सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर सहित) पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो प्राप्तकर्ता को चार्टर्ड अकाउंटेंट या कोस्ट अकाउंटेंट से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है. इसके बजाय, आपूर्तिकर्ता को ऐसी स्थितियों में प्राप्तकर्ता से केवल एक हलफनामा पर्याप्त होगा.

करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद

मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने स्पष्ट किया है कि यह परिपत्र 2017 से चली आ रही सभी मांगों को संबोधित करता है. इस मामले से जुड़े कानूनी विवादों में फंसे करदाताओं को अब इस स्पष्टीकरण से कुछ राहत मिल सकती है. मोहन ने भविष्य में क्रेडिट नोट जारी करने के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित करने के महत्व पर भी जोर दिया, जो उद्योग के लिए फायदेमंद होगा. एक अन्य नोट में, सीबीआईसी ने स्पष्ट किया कि बीमा कंपनियां जब प्रतिपूर्ति के माध्यम से दावों का भुगतान कर रही हों, तो उन्हें कार की मरम्मत की लागत पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकता है.

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