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GST: छोटे व्यापारियों को सरकार ने दिया नये साल का तोहफा, जीएसटी में इस फॉर्म को भरने से मिलेगी छूट

GST: भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा करदाताओं को ये जानकारी आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक ट्वीट के माध्यम से दी गयी है. मंत्रालय ने अपने फैसले के रेफरेंस के लिए नोटिफिकेशन नंबर 32/2023-CT का हवाला दिया है.

By Madhuresh Narayan | December 22, 2023 5:01 AM
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GST: नये साल से पहले वित्त मंत्रालय ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाले छोटे व्यापारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है. अब दो करोड़ रुपये तक का व्यापार करने वाले छोटे करदाता व्यापारियों को फॉर्म जीएसटीआर-9 भरने से छूट दे दी गयी है. बता दें कि नियम के अनुसार, इस फॉर्म को सालान दाखिल रिटर्न में शामिल करना पड़ता था. साथ ही, सामान्य टैक्सपेयर्स के रुप में रजिस्टर्ड हर फर्म या व्यक्ति को जीएसटीआर-9 दाखिल करना पड़ता था. इसे छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा करदाताओं को ये जानकारी आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक ट्वीट के माध्यम से दी गयी है. मंत्रालय ने अपने फैसले के रेफरेंस के लिए नोटिफिकेशन नंबर 32/2023-CT का हवाला दिया है. वित्त मंत्रालय के द्वारा ये नोटिफिकेशन 31 जनवरी 2023 को जारी किया गया था. हालांकि, दो करोड़ से ऊपर का व्यापार करने वाले सभी व्यापारियों के लिए अभी भी जीएसटीआर-9 फॉर्म का भरना जरूरी है. इसे सालाना रिटर्न के साथ में दाखिल करना होगा. वित्त मंत्रालय ने ये भी बताया है कि फॉर्म जीएसटीआर-3बी में वृद्धि और इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट और पुनः दावा विवरण की शुरूआत के साथ जीएसटीआर -3बी रिटर्न दाखिल करना आसान हो गया है.

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जीएसटी संग्रह नवंबर में 15 प्रतिशत बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपये हुआ

जीएसटी संग्रह नवंबर महीने में 15 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल इसी अवधि में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.45 लाख करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि नवंबर 2023 में सकल जीएसटी संग्रह 1,67,929 करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 30,420 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 38,226 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 87,009 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 39,198 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 12,274 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 1,036 करोड़ रुपये सहित) रहा. इस साल नवंबर का संग्रह हालांकि अक्टूबर में जुटाए गए 1.72 लाख करोड़ रुपये से कम है, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है.

65 प्रतिशत बढ़ गए जीएसटी टैक्सपेयर्स

भारत सरकार के द्वारा 2017 से अभी तक कई बार जीएसटी को संशोधित किया गया है. इसके कारण, पांच सालों में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या करीब 65 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल, 2023 तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 1.13 करोड़ थी. इस संख्या में 2023 में फिर इजाफा हुआ है. वर्तमान में पंजीकृत करदाताओं की संख्या 1.40 करोड़ है. मंत्रालय अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि जीएसटी नियमों और प्रक्रियाओं में सरलीकरण के परिणामस्वरूप पात्र करदाताओं द्वारा रिटर्न दाखिल करने का प्रतिशत बढ़ गया है. साथ ही, उच्चतम ई-वे बिल जेनरेशन, उच्चतम भुगतान लेनदेन, उच्चतम कर संग्रह और उच्चतम रिटर्न फाइलिंग के मामले में वर्ष 2023 एक ही दिन में नई ऊंचाइयों का वर्ष रहा है. छोटे व्यवसायों को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से आपूर्ति करने में सक्षम बनाया गया है. यह पंजीकरण की सीमा टर्नओवर तक अनिवार्य जीएसटी पंजीकरण के बिना छोटे व्यवसायों के लिए विशाल ई-कॉमर्स बाजार खोलेगा.

क्या है जीएसटी

जीएसटी का मतलब है गुड्स एंड सर्विस टैक्स (Goods and Services Tax) है. यह एक भारतीय कर सुधार और सुरक्षा कानून है जो 1 जुलाई 2017 को भारत में लागू हुआ था. जीएसटी का उद्देश्य भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले विभिन्न करों को समाहित करना है और एक सरल और एकीकृत कर तंत्र को स्थापित करना है. जीएसटी के लागू होने से पहले, भारत में विभिन्न राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग कर दरें थीं, जिससे व्यापार और वित्तीय गतिविधियों में जटिलताएं उत्पन्न होती थीं. जीएसटी के अंतर्गत, यह सभी राज्यों और केंद्र सरकार के बीच एक मेलजोल करने का प्रयास है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही कर दर लागू होती है. ये भारत में व्यापार और कर तंत्र को सरल, समर्थनीय और एकीकृत बनाने का प्रयास है और इसका उद्देश्य कर विवादों को कम करना है.

जीएसटी की संरचना तीन श्रेणियों में है:

  • सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स और सेवा कर): केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित किया जाने वाला कर है.

  • सीजीएसटी (स्टेट गुड्स और सेवा कर): राज्य सरकारों द्वारा प्रबंधित किया जाने वाला कर है.

  • आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स और सेवा कर): इसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की आपसी खरीददारी में किया जाता है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में होती है.

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