Business News: सरकारी ई-मार्केटप्लेस पोर्टल (GeM) पोर्टल पर गुजरात दूसरा सबसे अधिक विक्रेता वाला राज्य बन गया है. गुजरात ने ये स्थान यूपी को पीछे करते हुए हासिल किया है. दरअसल, पिछले महीने तक सरकारी ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर सबसे अधिक 1.73 लाख विक्रेता महाराष्ट्र में थे. और दूसरे नंबर पर 64,000 विक्रेता यूपी में थे.
गुजरात में GeM के क्षेत्रीय व्यापार देखने वाले सागर सोनी ने इसके लिए विक्रेताओं के प्रति आभार जताया है. उन्होंने कहा कि GeM के बोर्ड पर गुजरात के विक्रेताओं की संख्या 74,000 से अधिक हो गई है. इस प्रक्रिया में गुजरात ने उतर प्रदेश को पछाड़ दिया है और GeM पोर्टल पर पंजीकृत विक्रेताओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या वाला राज्य बन गया है. उन्होंने सफलता की यह कहानी बुधवार को GeM की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बताई. यह कार्यक्रम बुधवार को राजकोट में हुआ था.
GeM केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है. GeM को केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) द्वारा पारदर्शी तरीके से और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उत्पाद और सेवा विनिर्देशों को मानकीकृत करके और सोर्सिंग नेटवर्क का विस्तार करके सामग्री और सेवाओं की खरीद को सुविधाजनक बनाने का काम सौंपा गया है. इसका उद्देश्य निर्माताओं, व्यापारियों और सेवा-प्रदाताओं को लगभग मुफ्त में अखिल भारतीय बाजार तक पहुंच प्रदान करना है. अपने लॉन्च के बाद से, GeM ने 43 लाख विक्रेताओं को अपने साथ जोड़ा है और 3.04 करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) दर्ज किया है.
वहीं, सागर सोनी ने कहा कि गुजरात में 11,400 करोड़ रुपये का GMV है. यूपी की 25,000 करोड़ रुपये की खरीद के बाद, गुजरात दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. सोनी ने आगे कहा कि सभी राज्य सरकारों ने GeM के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और मंच पर हैं. हालांकि, हर राज्य सरकार GeM प्लेटफॉर्म के माध्यम से हर वस्तु और सेवा की खरीद नहीं कर रही है, जबकि कुछ, जैसे गुजरात, इस पोर्टल के माध्यम से अपनी 100 प्रतिशत खरीद कर रहे हैं. GeM पोर्टल पर विक्रेताओं द्वारा पंजीकरण निःशुल्क है और इसे राज्य सरकारों के ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से किया जा सकता है.
राजकोट में गुजरात सरकार के जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) के महाप्रबंधक किशोर मोरी ने कहा कि एक बार प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत होने के बाद, एक विक्रेता को अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से और बिना किसी निविदा शुल्क का भुगतान किए सरकार को बेचने का अवसर मिलता है. जैसे जेके मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड राजकोट स्थित फर्म है, जो छोटी मशीनों का निर्माण करती है. उसका वार्षिक कारोबार 2 करोड़ रुपये था, जब इसे वर्ष 2016 में शामिल किया गया था. इसका कारोबार जीईएम में शामिल होने के बाद 10 गुना बढ़ गया और इसका वार्षिक कारोबार अब 20 करोड़ रुपये का है.
सागर सोनी ने आगे कहा कि गुजरात सरकार ने हाल ही में मंच पर 1120 करोड़ रुपये के सेवा अनुबंध को रखकर अपनी प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना मुख्यमंत्री अमृत (एमए) के लिए बीमा कंपनी को सूचीबद्ध करने के लिए GeM पोर्टल को चुना है.
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