आधा भारत नहीं जानता एसआईपी का Art और PMTrt, जान जाएगा तो कमा लेगा 11 करोड़
SIP Formula: एसआईपी एक निवेश का तरीका है, जिसमें कोई व्यक्ति नियमित रूप से हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करता है. इस योजना के तहत निवेशक एक निश्चित तारीख को नियमित अंतराल पर महीने में एक बार एक निर्धारित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं.
SIP Formula: आज के जमाने में छोटी-छोटी बचत से हर कोई मोटी रकम इकट्ठा करना चाहता है. वह चाहता है कि उसे उसकी बचत वाली रकम पर अधिक रिटर्न मिले. इसके लिए वह सरकार की बचत योजनाओं में निवेश करता है, लेकिन उसे रिटर्न नहीं मिलता है. ऐसी स्थिति में उसके सामने विकट स्थिति पैदा हो जाती है. वह सोचता है कि परिवार की जरूरतों में कटौती करके पैसा जमा कर तो रहे हैं, लेकिन उससे कोई अधिक फायदा नहीं हो रहा है. अब जब आपके सामने ऐसी स्थिति उत्पन्न हो, तो आप माथे पर हाथ रखकर चिंता में डूब मत जाइए, बल्कि एसआईपी के बारे में सोचिए. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में पैसा जमा करेंगे, तो आपको अधिक रिटर्न मिलेगा. इसमें भी अगर आपने इसमें Art और PMTrt के फॉर्मूले का इस्तेमाल कर लिया, तो फिर आप 11 करोड़ रुपये तक की कमाई कर लेंगे. आइए, जानते हैं कि इस फॉर्मूले पर 11 करोड़ की कमाई कैसे होगी.
एसआईपी क्या है?
एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) एक निवेश का तरीका है, जिसमें कोई व्यक्ति नियमित रूप से हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करता है. इस योजना के तहत निवेशक एक निश्चित तारीख को नियमित अंतराल पर महीने में एक बार एक निर्धारित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. एसआईपी का मुख्य लाभ यह है कि इसमें निवेश की मात्रा छोटी होती है, जिससे हर व्यक्ति बिना किसी वित्तीय बोझ के निवेश कर सकता है. इसके अलावा, कंपाउंडिंग का लाभ उठाने के लिए हर महीने निवेश करने से लाभ मिल सकता है, क्योंकि इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए औसत लागत में कमी होती है.
एसआईपी के फायदे
निवेश की आसान योजना: बिना बड़ी पूंजी निवेश किए भी निवेशक म्यूचुअल फंड में आसानी से प्रवेश कर सकता है.
अवधि पर आधारित निवेश: समय के साथ शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने का मौका मिलता है.
कंपाउंडिंग का लाभ: नियमित निवेश से प्राप्त ब्याज का पुनर्निवेश करके अधिक रिटर्न हासिल किया जा सकता है.
म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड एक निवेश उत्पाद है, जो कई निवेशकों के पूल किए गए धन को एक साथ निवेश करता है. इसमें एक कोष प्रबंधक होता है, जो पूल किए गए इस धन का उपयोग विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियों स्टॉक, बॉन्ड, और अन्य मूल्यवांकित प्रतिभूतियों में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड के प्रकार
एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs): जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं और अन्य स्टॉक की तरह खरीदे और बेचे जा सकते हैं.
फंड ऑफ फंड्स (FoFs): जहां एक म्यूचुअल फंड दूसरे म्यूचुअल फंडों में निवेश करता है.
फंड्स: जैसे कि इक्विटी फंड्स, डेट फंड्स, मनी मार्केट फंड्स, और बैलेंस्ड फंड्स जो विविध निवेश विकल्प प्रदान करते हैं.
म्यूचुअल फंड के लाभ
विविधता: विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करके जोखिमों को कम किया जाता है.
अधिकतम रिटर्न: पेशेवर प्रबंधकों द्वारा कुशलता से निवेश किया जाता है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
लिक्विडिटी: अधिकांश म्यूचुअल फंड निवेशक के स्वामित्व की राशि को वापस निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं.
नियमित निवेश: एसआईपी जैसे विकल्पों के माध्यम से नियमित रूप से छोटे निवेश करना संभव होता है.
म्यूचुअल फंड इक्विटी स्कीम क्या है?
म्यूचुअल फंड इक्विटी स्कीम एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो शेयर बाजार में निवेश करता है. इसमें निवेशक का धन इक्विटी (स्टॉक) में लगाया जाता है, जिससे उसे शेयर बाजार की संभावित वृद्धि से लाभ प्राप्त करने का अवसर मिलता है. इन फंड्स को विभिन्न कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है, जिससे उन्हें विविधता मिलती है और जोखिम कम होता है. निवेशक अपनी जोखिम सहिष्णुता और लक्ष्यों के अनुसार विभिन्न इक्विटी स्कीमों में निवेश कर सकते हैं. लंबी अवधि में निवेश से प्राप्त होने वाले कम्पाउंडिंग रिटर्न्स निवेशकों के लिए आकर्षक होते हैं. एक इक्विटी स्कीम विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों के शेयरों में निवेश करती है, जिससे जोखिम विविध होता है. निवेशक किसी भी समय अपने निवेश को आसानी से बेच सकते हैं और धन निकाल सकते हैं. ये स्कीमें आमतौर पर स्वचालित रूप से कंपाउंडिंग रिटर्न्स का लाभ प्रदान करती हैं, जिससे निवेशक लंबे समय में बेहतर वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
एसआईपी के फॉर्मूले
फॉर्मूला नंबर एक
- कुल निवेश राशि(A)=मासिक निवेश राशि ×(1 + दर)^(अवधि/1 वर्ष में माह)
- A = 10,000 × ((1 + r)^(t/12))
फॉर्मूले का मतलब
A=भविष्य में अर्जित कुल राशि (14 करोड़ रुपये)
r=वार्षिक रिटर्न दर (कंपाउंडिंग दर)
t=निवेश की अवधि (वर्ष में महीनों में)
मान लीजिए कि यदि आप 10,000 रुपये प्रति महीने का निवेश करते हैं और औसत वार्षिक रिटर्न 12% मिलता है, तो निवेश की अवधि 10 साल होती है.
मासिक निवेश = 10,000 रुपये
वार्षिक रिटर्न = 12%
अवधि = 10 साल (120 महीने)
इस स्थिति में नीचे वाला फॉर्मूला लागू होगा
𝐴=10,000×(1+0.01)120
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फॉर्मूला नंबर दो
𝐴=𝑃𝑀𝑇×((1+𝑟)𝑡(1+𝑟)1/12−1)
फॉर्मूले का मतलब
PMT=मासिक निवेश (10,000 रुपये)
r=मासिक कंपाउंडिंग दर (वार्षिक रिटर्न / 12)
t=निवेश की अवधि (वर्ष)
रिटर्न दर(r)=12%/12=1% प्रति माह
निवेश की अवधि(t)=14 करोड़/10,000 = 14,000 महीने
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एसआईपी से ऐसे होगी 14 करोड़ की कमाई
अब आप मान लीजिए कि आप एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड इक्विक्टी स्कीम में आप हर महीने 10,000 रुपये जमा करते हैं, तो आप साल में करीब 1,20,000 रुपये जमा करते हैं. इसे आप लगातार 30 साल तक जमा करते हैं, तो इन 30 सालों में आपके फंड में निवेश की कुल रकम करीब 36,00,000 रुपये जमा होंगे. इस पर आपको 12% सालाना के हिसाब से रिटर्न मिलेगा. तब आपकी रिटर्न की रकम करीब 10,42,55,720 रुपये हो जाएगी. अब निवेश की कुल रकम और रिटर्न के तौर पर मिलने वाली रकम को जोड़ दें. इन दोनों के जोड़ने पर आपके अकाउंट में करीब 10,78,55,720 रुपये होंगे.
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