आधा भारत नहीं जानता स्मार्ट एसआईपी, जान लेने पर हो जाएगा 1.25 करोड़ का आदमी

Smart SIP: आम तौर पर जब कोई आदमी साधारण एसआईपी के माध्यम से किसी म्यूचुअल फंड में हर महीने की 5 तारीख को 5,000 रुपये का निवेश करते हैं, तब बाजार की स्थितियों के बावजूद उनका निवेश हर महीने 5,000 रुपये पर स्थिर रहता है.

By KumarVishwat Sen | October 9, 2024 6:48 PM

Smart SIP: पैसा हर आदमी की जरूरत है और पैसा बचाने के लिए लोग कई सरकारी बचत योजनाओं या फिर फिक्स्ड डिपॉजिट या फिर रेकरिंग डिपॉजिट में सालों तक पैसा जमा करते रहते हैं. फिर भी वे लाख-डेढ़ लाख या पांच-दस लाख रुपये से अधिक जमा नहीं कर पाते हैं. ऐसा इसलिए होता है कि आधे भारत के लोग एसआईपी या स्मार्ट एसआईपी के नियम को नहीं जानते. अगर वे स्मार्ट एसआईपी के नियम को जान जाएंगे, तो हर व्यक्ति एक करोड़ का आदमी होगा. आइए, जानते हैं कि स्मार्ट एसआईपी के जरिए करोड़पति कैसे बना जा सकता है.

एसआईपी क्या है?

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को संक्षेप में एसआईपी कहते हैं. आज के जमाने में एसआईपी कई लोगों के निवेश का सबसे पसंदीदा ऑप्शन बन गया है. साधारण एसआईपी में आप आम तौर पर नियमित अंतराल पर म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि निवेश करते हैं. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर बाजार की स्थिति चाहे जो भी हो, आपकी निवेश राशि स्थिर रहती है. यदि आप अनुशासित हैं, तो आपको कंपाउंडिंग के कारण लंबे समय में अपने एसआईपी से बंपर रिटर्न भी मिलता है.

स्मार्ट एसआईपी क्या है?

अंग्रेजी की न्यूज वेबसाइट द इकोनॉमिक टाइम्स ने शेयरखान के सुपर इन्वेस्टर हेड गौतम कालिया के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा है कि स्मार्ट एसआईपी को निवेश से पहले बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए रिटर्न को अनुकूलित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसे साधारण एसआईपी के एडवांस्ड एडिशन कहा जाता है, जो रिटर्न को अनुकूलित करने और जोखिम को कम करने के लिए बाजार की स्थितियों के आधार पर निवेश राशि को एडजस्ट करता है. नियमित एसआईपी के उलट स्मार्ट एसआईपी बाजार में गिरावट के समय योगदान बढ़ाते हैं और बाजार में तेजी के समय उन्हें कम करते हैं.

कैसे काम करता है स्मार्ट एसआईपी

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में लिखा गया है कि स्मार्ट एसआईपी बाजार के मूल्यांकन के आधार पर निवेश राशि को एडजस्ट करके काम करते हैं. यह कम खरीदने और अधिक बेचने की एक सरल रणनीति का पालन करता है. जब शेयर बाजार का मूल्यांकन उचित होता है, तो यह आमतौर पर आपकी मासिक एसआईपी राशि को इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है. वहीं, जब शेयर बाजार अपेक्षाकृत कम मूल्यांकित होता है, तो यह आपकी मासिक एसआईपी राशि को दोगुना कर देता है. जब बाजार महंगा होता है, तो यह आपके पैसे को इक्विटी स्कीम्स में निवेश करने के बजाय लिक्विड फंड में डाल देता है. इसके अलावा, जब बाजार बहुत महंगा होता है, तो यह आपके म्यूचुअल फंड यूनिट्स का एक हिस्सा बेचकर मुनाफा कमाता है. इसके बाद मुनाफे की राशि और मासिक एसआईपी किस्तों को लिक्विड फंड में निवेश करता है. हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि एक स्मार्ट एसआईपी हमेशा बेहतर रिटर्न देगा.

स्मार्ट एसआईपी में बंपर रिटर्न मिलने का यह है नियम

आम तौर पर जब कोई आदमी साधारण एसआईपी के माध्यम से किसी म्यूचुअल फंड में हर महीने की 5 तारीख को 5,000 रुपये का निवेश करते हैं, तब बाजार की स्थितियों के बावजूद उनका निवेश हर महीने 5,000 रुपये पर स्थिर रहता है. इसके विपरीत, अगर कोई व्यक्ति एसआईपी के जरिए निवेश करता है, तो वह बाजार के मूल्यांकन के तटस्थ होने पर स्मार्ट एसआईपी में 5,000 रुपये का निवेश करने की योजना बनाता है. यदि बाजार ऊपर है, तो वह केवल आधी राशि 2,500 रुपये का निवेश करती हैं और यदि बाजार नीचे है, तो वह अपनी मूल एसआईपी की राशि 10,000 रुपये का दोगुना निवेश करती हैं. यह रणनीति उन्हें बाजार की गति से लाभ उठाने की अनुमति देती है. बाजार में गिरावट के दौरान वह अधिक यूनिट्स खरीदते हैं और बाजार के उच्च स्तर के दौरान वह कम निवेश करते हैं.

कौन देता है स्मार्ट एसआईपी

भारत में एक्सिस एएमसी, एचडीएफसी एएमसी और कोटक एएमसी स्मार्ट एसआईपी प्रदान करते हैं. कोटक एएमसी के लिए निवेशकों को एक बेस अमाउंट चुनना होता है, जिस पर अधिकतम निवेश दोगुना हो सकता है और न्यूनतम निवेश बाजार मूल्यांकन के आधार पर 0.5 गुना हो सकता है. एक्सिस एएमसी के लिए निवेशकों को एक अलग स्मार्ट एसआईपी फॉर्म भरना होगा, जो उन्हें अपनी न्यूनतम और अधिकतम निवेश राशि चुनने की अनुमति देता है. कुछ एएमसी ने न्यूनतम और अधिकतम राशि तय की है, जबकि अन्य अधिक लचीलापन प्रदान करते हैं.

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स्मार्ट एसआईपी से ऐसे बनेंगे करोड़पति

अगर कोई व्यक्ति साधारण इक्विटी लार्ज-कैप एसआईपी में यह सोचते हुए हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करता है कि उसने 12% रिटर्न दिया है, तो उसे 10 साल में 11,20,179 रुपये, 15 साल में 23,79,675 रुपये, 20 साल में 45,99,287 रुपये और 25 साल में 85,01,033 रुपये मिलेंगे. वहीं, अगर वही व्यक्ति स्मार्ट एसआईपी निवेश करता है, तो उसे सालाना 13.5 % अधिक रिटर्न मिल सकता है. जब लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो वह 1.5% अधिक रिटर्न आपको भारी रिटर्न देगा. अब स्मार्ट एसआईपी से मिलने वाले सालाना 13.5% रिटर्न के हिसाब से 10 साल में 12,71,236 रुपये, 15 साल में 29,17,316 रुपये, 20 साल में 61,38,112 रुपये और 25 साल में 1,24,40,065 रुपये मिलेंगे. अब मान लीजिए कि आप स्मार्ट एसआईपी के जरिए हर महीने 5 हजार रुपये जमा करते हैं, तो साल में 60,000 रुपये आपके खाते में जमा होते हैं. वहीं, 25 साल में आपके द्वारा जमा की गई रकम 15 लाख रुपये हो जाती है. इस पर 13.5 % सालाना रिटर्न के हिसाब से आपको 1,09,40,065 रिटर्न मिलेगा. अब निवेश की रकम और रिटर्न की रकम जोड़ देंगे, तो 25 साल में आपके खाते में 1,24,40,065 रुपये जमा हो जाएंगे. अब आप ही बताइए कि आप 1.25 करोड़ के आदमी हुए या नहीं?

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डिस्क्लेमर: प्रभात खबर किसी व्यक्ति को किसी भी एसआईपी या म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह नहीं देता. यह बाजार जोखिमों के अधीन है. किसी एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही कोई उचित कदम उठाएं.

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