50 दिनों में एक करोड़ से अधिक आभूषणों की हुई हॉलमार्किंग, हर रोज चार लाख आभूषणों की हॉलमार्किंग : BIS

Bureau of Indian Standards, BIS, Hallmarking, Hallmarking of Jewellery : नयी दिल्ली : भारतीय मानक ब्यूरो ने कहा है कि ज्वैलरी कारोबार से जुड़े लोगों ने हॉलमार्किंग यूनिक आईडी सिस्टम को गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया है. पिछले 50 दिनों में एक करोड़ से अधिक आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2021 8:38 PM

नयी दिल्ली : भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने कहा है कि ज्वैलरी कारोबार से जुड़े लोगों ने हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (एचयूआईडी) सिस्टम को गर्मजोशी के साथ स्वीकार किया है. पिछले 50 दिनों में एक करोड़ से अधिक आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है.

न्यूज एजेंसी एएएनआई ने सोमवार को बताया कि बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि हॉलमार्किंग यूनिक आईडी सिस्टम की शुरुआत से ही ज्वैलरी कारोबार से जुड़े लोगों ने इसे गर्मजोशी से स्वीकार किया है. पिछले 50 दिनों में एक करोड़ से अधिक आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है.

भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक, देश में अब प्रतिदिन लगभग चार लाख आभूषणों की हॉलमार्किंग हो रही है. साथ ही कहा है कि 90,000 से अधिक ज्वैलर्स पहले से ही पंजीकृत हैं. एचयूआईडी आधारित हॉलमार्किंग सभी के लिए फायदे का सौदा है.

भारतीय मानक ब्यूरो ने कहा है कि हॉलमार्किंग पारदर्शिता लाता है. उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुनिश्चित करता है. यह इंस्पेक्टर राज की संभावनाओं को कम करता है. कोई भी मौजूदा ज्वैलरी हॉलमार्क करा सकता है. यह सोने का सही मूल्यांकन कर सकता है.

एचयूआईडी आधारित हॉलमार्किंग में जौहरियों का पंजीकरण बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वत: होता है. इसका उद्देश्य हॉलमार्क वाले गहनों की शुद्धता सुनिश्चित करना और किसी भी तरह के कदाचार की जांच करना है. एचयूआईडी एक सुरक्षित प्रणाली है और इससे डेटा गोपनीयता या सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

एचयूआईडी हर आभूषण को अलग पहचान देता है, जिससे पता लगाया जा सकता है. हॉलमार्क वाले गहनों की शुद्धता के संबंध में हॉलमार्किंग और शिकायतों को दूर करने की विश्वसनीयता के लिए यह महत्वपूर्ण है. उपभोक्ता समूहों ने इसका स्वागत किया है.

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