Happiest Minds Technologies on Moonlighting: आईटी क्षेत्र की कंपनी हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज ने कहा है कि कर्मचारियों का एक साथ दो संस्थानों के लिए काम करना यानी ‘मूनलाइटिंग’ अस्वीकार्य है और यह नौकरी के अनुबंध का उल्लंघन करता है.
कंपनी ने कहा कि पिछले छह से 12 महीनों में इस तरह की गतिविधियों में शामिल कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में 33.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने वाली कंपनी के साथ 30 सितंबर, 2022 तक लगभग 4,581 कर्मचारी कार्यरत थे.
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हालांकि हैपिएस्ट माइंड्स ने कहा कि कंपनी के भीतर मूनलाइटिंग बहुत प्रचलित नहीं है, लेकिन उसने उन कर्मचारियों की सटीक संख्या नहीं बताई जिनके खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की गई है. दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी के मूनलाइटिंग को ‘धोखा’ बताने के बाद से नौकरी के साथ अलग से भी काम करने का मुद्दा आईटी उद्योग में एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है.
पिछले कुछ हफ्तों में कई आईटी कंपनियों ने इस मुद्दे पर कहा है कि वे एक साथ दो जगह काम करने की अनुमति नहीं देती हैं. जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है.
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हैपिएस्ट माइंड्स के वाइस चेयरमैन जोसफ अनंतराजू ने कहा, हम अपने कर्मचारियों के साथ इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि हम इसे (मूनलाइटिंग को) स्वीकार नहीं करेंगे. जब आप अनुबंध या रोजगार प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते हैं, तो आप केवल उस कंपनी के लिए काम करने के लिए सहमत होते हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी को मूनलाइटिंग में शामिल कर्मचारियों के मामले मिले हैं, अनंतराजू ने कहा, हमारे पास ऐसे कुछ मामले सामने आये हैं और हमने उन्हें तुरंत निकाल दिया क्योंकि यह एक संदेश है जिसे आप कंपनी में देना चाहते हैं. अनंतराजू ने कहा कि भले ही किसी कर्मचारी ने कहीं कुछ घंटे ही काम किया हो लेकिन इसका पता लगाने का कोई तरीका नहीं है और इसलिए हमने यह कार्रवाई की.
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उन्होंने कहा, यह कार्रवाई पिछले छह से 12 माह के बीच की गई है. हम स्पष्ट हैं कि आप मूनलाइटिंग नहीं कर सकते. यदि आप आईटी क्षेत्र से असबंद्ध उद्योग में कुछ स्वैच्छिक गतिविधियां करना चाहते हैं तो वो बात अलग है. लेकिन हमारे लिए आपको अपना सारा समय हैपिएस्ट माइंड्स को समर्पित करना होगा और यहां काम करना होगा.
अनंतराजू ने बताया कि कंपनी में मूनलाइटिंग की गतिविधियां और उदाहरण बहुत ज्यादा नहीं है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से कंपनी ने अपने लोगों को वापस कार्यालय में बुलाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, एक बार जब आप कार्यालय में वापस आ जाते हैं, तो इनमें से बहुत सी चीजों की गुंजाइश कम हो जाती है और इसे बहुत पहले ही समाप्त और पहचाना जा सकता है.
टीसीएस जैसी कुछ कंपनियों ने इस पर चिंता जताई है जबकि विप्रो ने 300 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं, टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों ने ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर नरम रुख दर्शाया है. (इनपुट : भषा)
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