भारत को तेल बेचने के लिए लाइन लगाकर खड़े हैं कई देश! रूस से खरीदारी पर केंद्रीय मंत्री ने बतायी बड़ी बात

Crude Oil Import: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रूस से तेल खरीदने में भुगतान की कोई समस्या नहीं है और इस खरीद में हाल में आई गिरावट उसकी तरफ से दी जाने वाली कम छूट का नतीजा है.

By Madhuresh Narayan | January 4, 2024 10:16 AM

Crude Oil Import: भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक विकास की वजह से ऊर्जा और कच्चे तेल के हम दुनिया में सबसे बड़े उपभोक्ता बने हुए हैं. ऐसे में जरूरत के हिसाब से कई देशों से कच्चे तेल का आयात (India’s Crude Import) होता है. इसमें रूस जैसे मित्र देश भी शामिल हैं. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही थी कि भारत का रूस से तेल आयात कम या लगभग खत्म हो गया है. इसे लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बड़ी बात बतायी है. उन्होंने कहा कि रूस के साथ तेल की खरीद में कोई समस्या नहीं है. आयात कम नहीं, बल्कि पिछले कुछ समय में बढ़ा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत को जहां से सस्ता तेस मिलेगा हम खरीदेंगे. उन्होंने बताया कि कई देश भारत के साथ तेल का व्यापार करने के लिए कतार में खड़े हैं.

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रूस से आ रहा 40 प्रतिशत कच्चा तेल

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रूस से तेल खरीदने में भुगतान की कोई समस्या नहीं है और इस खरीद में हाल में आई गिरावट उसकी तरफ से दी जाने वाली कम छूट का नतीजा है. उन्होंने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले फरवरी, 2022 में भारत ने जितने तेल का आयात किया था उसमें रूसी तेल की हिस्सेदारी सिर्फ 0.2 प्रतिशत थी. लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच रूस ने तेल खरीद पर छूट की पेशकश की जिसके बाद यह हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई और रूस अब भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता देश है. उन्होंने कहा कि भारत अपने आयात स्रोतों में विविधता लेकर आया है और देश सबसे सस्ती उपलब्ध दरों पर खरीदारी करेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय उपभोक्ताओं को बिना किसी व्यवधान के सबसे किफायती मूल्य पर ईंधन मिलने की शर्त है. रूस से तेल आयात 40 प्रतिशत तक बढ़ गया था. अब अगर यह 33 प्रतिशत या 28-29 प्रतिशत पर आ गया है तो इसके लिए भुगतान की कोई समस्या नहीं है. यह विशुद्ध रूप से उस कीमत की वजह से है जिस पर हमारी रिफाइनिंग कंपनियों को तेल मिलेगा.

लाल सागर से व्यापार में नहीं आएगी परेशानी

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि किसी भी कंपनी ने भुगतान संबंधी समस्याओं के कारण आपूर्ति रोके जाने की शिकायत नहीं की है. इसके बजाय आपूर्तिकर्ता पहले बेचने और बाद में भुगतान एकत्र करने के इच्छुक हैं. हम रूस से प्रतिदिन 15 लाख बैरल तेल खरीद रहे हैं. देश में 50 लाख बैरल की दैनिक खपत में से 15 लाख बैरल प्रतिदिन खरीद रहे हैं. अगर वे छूट नहीं देंगे, तो हम इसे क्यों खरीदेंगे? लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमलों पर पुरी ने कहा कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब केप ऑफ गुड होप से होकर गुजर रहे हैं. हालांकि लाल सागर और स्वेज नहर से बचने पर लंबी यात्रा होगी लेकिन जहाजों को स्वेज नहर पारगमन शुल्क भी नहीं देना होगा. स्वेज नहर का इस्तेमाल लगभग एक तिहाई वैश्विक कंटेनर जहाज करते हैं. इसके जरिये 82 लाख बैरल कच्चे तेल का परिवहन होता है.

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