Haryana Elections Results: भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने एक बार फिर से राजनीतिक सफर में कदम रखा और हिसार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. उन्हें किसी भी पार्टी से टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार राम निवास रारा को 20,000 से अधिक वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की है.
कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर बनाई जीत की कहानी
सावित्री जिंदल ने हिसार विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा. इससे पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से टिकट मांगा था, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमाने का निर्णय लिया. उनकी यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को मजबूत करती है, बल्कि हिसार की जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को भी दर्शाती है.
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जिंदल समूह की एमिरेटस चेयरपर्सन
सावित्री जिंदल, जिंदल समूह की एमिरेटस चेयरपर्सन हैं और दिवंगत उद्योगपति ओम प्रकाश (ओपी) जिंदल की पत्नी हैं. जिंदल समूह को भारत के प्रमुख उद्योग समूहों में गिना जाता है, और सावित्री ने अपने पति की मौत के बाद इस समूह की बागडोर संभाली. ओपी जिंदल की 2005 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद सावित्री ने अपने परिवार और व्यवसाय की जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला.
राजनीतिक जीवन और हिसार के विकास के प्रति समर्पण
74 वर्षीय सावित्री जिंदल इससे पहले भी हिसार विधानसभा से दो बार विधायक रह चुकी हैं और हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. जीत के बाद सावित्री जिंदल ने सोशल मीडिया X पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि “यह चुनाव आप सभी ने लड़ा है, यह जीत भी आप सभी की है. इस जीत की मेरे हिसार परिवार को हार्दिक बधाई.”
उन्होंने आगे कहा कि उनके पति ओम प्रकाश जिंदल ने हिसार और उसके विकास के प्रति उनकी जिम्मेदारी का रास्ता दिखाया था.
सावित्री जिंदल का कहना है कि वह हिसार के लोगों के लिए सेवा का कार्य जारी रखेंगी और उनके विश्वास को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी. उन्होंने हिसार के विकास और बदलाव के लिए सेवा करने का संकल्प लिया है, जिससे यह साफ होता है कि उनका उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं था, बल्कि वह जनता के लिए कुछ ठोस कार्य करना चाहती हैं.
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3.65 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति वाली सावित्री जिंदल
फोर्ब्स के अनुसार, सितंबर 2024 तक सावित्री जिंदल के पास 3.65 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी. उनकी संपत्ति और प्रभाव ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाया है. जिंदल परिवार ने हमेशा से ही हिसार और हरियाणा की सेवा की है, और इस विधानसभा चुनाव में उनकी जीत इस सेवा की निरंतरता को दर्शाती है.
ओपी जिंदल की मौत के बाद समूह की जिम्मेदारी संभाली
ओपी जिंदल की मौत के बाद सावित्री ने उनकी औद्योगिक और राजनीतिक विरासत को संभाला. शादी के 35 साल तक सावित्री जिंदल हाउसवाइफ रहीं, लेकिन ओपी जिंदल की मौत के बाद उनके सामने बड़ी चुनौती थी—पति के बिजनेस और परिवार को संभालना. उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और न केवल जिंदल समूह को आगे बढ़ाया, बल्कि अपने परिवार के साथ-साथ व्यवसाय की भी मजबूत बुनियाद रखी.
चार बेटे और पांच बेटियों की मां
सावित्री जिंदल के चार बेटे और पांच बेटियां हैं. उनके बेटे नवीन जिंदल खुद भी सांसद रह चुके हैं और व्यवसाय में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. हरियाणा चुनाव के दौरान, नवीन जिंदल अपने माता-पिता की धरोहर को सम्मान देते हुए घोड़े पर सवार होकर वोट डालने पहुंचे थे, जो कि एक खास दृश्य था.
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