DA Hike: होली से पहले हरियाणा के राज्य कर्मचारी और पेंशनभोगियों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. नायब सिंह सैनी की सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ता में चार प्रतिशत का इजाफा किया है. राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि दर में संशोधन होने के बाद महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है. नई दर एक जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी. बयान के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए उनके मार्च 2024 के वेतन के साथ मिलना शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही, जनवरी और फरवरी महीने का बकाया भुगतान मई महीने में किया जाएगा. इसके साथ ही राज्य सरकार ने अपने पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक जनवरी, 2024 से महंगाई राहत (डीआर) देने के आदेश भी जारी कर दिए हैं. उन्हें अप्रैल, 2024 में देय उनकी मार्च 2024 पेंशन/पारिवारिक पेंशन के साथ डीआर का भुगतान भी किया जाएगा और जनवरी एवं फरवरी के बकाया का भुगतान मई महीने में किया जाएगा.
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2.62 लाख पेंशनर्स को भी मिलेगा लाभ
सातवें वेतन आयोग के समझौते के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर हरियाणा के कर्मचारियों के वेतन की वृद्धि की गयी है. अब कर्मचारियों और पेंशनर्स को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा. राज्य सरकार के फैसले से 2 लाख 62 हजार पेंशनर्स का महंगाई भत्ता भी बढ़ा है. इससे पहले उन्हें 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाता था. हालांकि, अब जनवरी से 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा. बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मार्च महीने की सैलरी में एरियर के साथ कर्मचारियों को दिया जाएगा. बता दें कि इससे पहले भी सरकार के जुलाई से चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया गया था.
महंगाई भत्ता का क्या है गणित
सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाता है. एक बार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में. अगर, सरकार इसमें संशोधन बाद में करती है तो उसका लाभ एरियर के साथ दिया जाता है. भारत में महंगाई भत्ता का फॉर्मूला महंगाई दर के आधार पर गणना की जाती है. महंगाई दर का आधार आमतौर पर राष्ट्रीय महंगाई सूचकांक (CPI) होता है. इसके आधार पर, महंगाई भत्ता का फॉर्मूला निम्नलिखित होता है: महंगाई भत्ता = [मौजूदा महंगाई सूचकांक (CPI) – पिछले साल का CPI] / पिछले साल का CPI * 100
यहां, मौजूदा महंगाई सूचकांक (CPI) मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान वास्तविक उत्पादों और सेवाओं की मानक मूल्य स्थिति को प्रकट करता है और पिछले वर्ष का CPI वित्त वर्ष के पहले की मानक मूल्य स्थिति को प्रकट करता है. इस फॉर्मूले का उपयोग करके, महंगाई भत्ता की गणना बाजार में महंगाई की दर की परिवर्तन या बदलाव के आधार पर की जाती है. यह बदलाव आमतौर पर विभिन्न क्षेत्रों और व्यवसायों के लिए अलग-अलग होता है और इसका प्रत्येक साल नए मौजूदा CPI के आधार पर पुनरावलोकन किया जाता है.
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