इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. ऐसे में जिन लोगों ने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है, वो जल्द से जल्द आईटी रिटर्न फाइल कर दें. इनकम टैक्स रिटर्न फाईल करने के कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. आईटीआर से जुड़े कई सवालों पर शेयर बाजार और पर्सनल फाइनांस के जाने माने एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी ने प्रभात खबर प्राइम बिजनेस में बात की. पेश है बातचीत के कुछ अंश
आईटी रिटर्न भरने में इस बार क्या-क्या बदलाव हुए हैं.
आटीआर में हर साल कुछ न कुछ बदलाव हर साल होते हैं. इस साल आईटीआर इनकम डिसक्लोजर का दायरा बढ़ा रहा है. यानी इस बार इंडिया से बाहर के इनकम को भी आईटीआर में शामिल किया गया है. यानी अगर किसी के पास इनकम का जरिया देश के बाहर का है तो उसे इस बार आईटी रिटर्न भरने के दौरान यह बताना होगा. किसी भी तरह के इनकम या एसेट्स का जिक्र करना होगा.
रिटर्न फाइल करने में कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होगी
एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी ने बताया कि, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए वैसे तो किसी तरह के जस्तावेजों की जरूरत नहीं होती. हालांकि उन्होंने कहा कि फॉर्म भरते समय इनकम स्लिप की जरूरत होगी. इसके अलावा बीते एक साल के बैंक अकाउंट के डिटेल का ब्योरा देना होगा. आय का स्त्रोत क्या है इन सब बातों का भी जिक्र करना होगा.
पुराने और नए स्लैब में क्या अंतर है.
एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी ने बताया कि, पुराने स्लैब में तीन से चार तरह के स्लैब बनाए गए थे. 5, 10, 15 और 20. उन्होंने कहा कि, पुराने स्लैब में यह था कि डिजक्शन के बाद जो इनकम बचती थी वो टैक्सेबल इनकम होगी. उन्होंने कहा कि, नये स्लैब में डिडक्शन को खारिज किया गया है. नये स्लैब में करदाता को बिना डिडक्शन के टैक्स पे करना होगा.
फॉर्म-16 क्या होता है और इसमें कौन-कौन सी जानकारियां होती है.
फॉर्म-16 से इस बात की जानकारी मिलती है कि पिछले साल आपकी इनकम कितनी थी. उस इनकम पर आपने कितना टैक्स दिया. उस इनकम में कितना टैक्स पे किया.
क्या होगा अगर 31 जुलाई तक आईटी रिटर्न नहीं भरा तो ?
अगर कोई इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर पाता है तो उसे इस वित्त वर्ष तक भरा जा सकता है. लेकिन रिटर्न फाइन करने के लिए 10 हजार रुपये तक की पेनल्टी लगती है. जिसे भुगतान करना होगा.
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