भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC ने हाउसिंग लोन पर अपनी रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (Retail Prime Lending Rate) बढ़ा दी है. एसडीएफसी ने कहा कि सभी तरह के होम लोन प्रोडक्ट पर आरपीएलआर बढ़ा रही है जिसके आधार पर इसके एडजस्टेबल रेट होम लोन (ARHL) या फ्लोटिंग रेट के बेंचमार्क में 5 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की गई है. नई दरें एक जून से लागू हो गई हैं. इस कदम से ग्रहकों के ईएमआई में वृद्धि होगी.
HDFC increases its Retail Prime Lending Rate (RPLR) on Housing loans, on which its Adjustable Rate Home Loans (ARHL) are benchmarked, by 5 basis points, with effect from June 1, 2022. pic.twitter.com/x7VJDTxpFY
— ANI (@ANI) June 1, 2022
बीते 9 मई को एचडीएफसी ने आरपीएलआर में बढ़ोतरी की थी, तब एचडीएफसी ने होम लोन पर आरपीएलआर में 30 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की थी. अब एक बार फिर एचडीएफसी ने आरपीएलआर बढ़ा दिया है, जिससे होम लोन पर ईएमआई (EMI) देने वाले ग्राहकों पर बोझ पड़ सकती है.
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1 जून से पंजाब नेशनल बैंक (punjab national bank) ने भी फंड आधारित उधार दर की अपनी सीमांत लागत में 15 बेसिस पॉइंट में वृद्धि की है. इसकी सूचना पीएनबी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है.
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया था. आरबीआई ने रेपो रेट को 4% से 40 बीपीएस बढ़ाकर 4.40% कर दिया था. वहीं, संशोधन के साथ, पीएनबी की एक साल की एमसीएलआर दर पहले के 7.25% से बढ़कर 7.40% हो गई है. इस वृद्धि के साथ, उन उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई बढ़ जाएगी जिन्होंने एमसीएलआर पर लोन लिया है.
हाल ही में, भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कई बैंकों ने अपनी सीमांत लागत आधारित उधार दर (MCLR) में वृद्धि की है. सभी मौजूदा फ्लोटिंग रेट बैंक लोन एमसीएलआर या बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) से जुड़े हुए हैं.
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