HDFC Bank ने कहा, ऑटो लोन देने की कार्यप्रणाली की जांच होने से बैंक को कोई नुकसान नहीं
देश के निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में शुमार एचडीएफसी बैंक ने मंगलवार को कहा कि ऑटो लोन देने की कार्य प्रणाली की जांच से बैंक के ऋण खातों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और न ही इससे बैंक को कोई नुकसान होगा. बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस बात को स्पष्ट करना अहम है कि इसका (जांच) का किसी भी सूरत में बैंक के ऋण कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है. इससे बैंक के ऋण कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और न ही इसकी वजह से बैंक को कोई नुकसान होने वाला है.'
मुंबई : देश के निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में शुमार एचडीएफसी बैंक ने मंगलवार को कहा कि ऑटो लोन देने की कार्य प्रणाली की जांच से बैंक के ऋण खातों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और न ही इससे बैंक को कोई नुकसान होगा. बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस बात को स्पष्ट करना अहम है कि इसका (जांच) का किसी भी सूरत में बैंक के ऋण कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है. इससे बैंक के ऋण कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और न ही इसकी वजह से बैंक को कोई नुकसान होने वाला है.’
बैंक ने सोमवार को अपने ऑटो लोन कारोबार से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी की कार्य प्रणाली को लेकर की गयी शिकायतों के बाद बैंक की ऑटो लोन प्रक्रियाओं को लेकर जांच शुरू की है. इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा था कि यह आरोप मुख्यत: पेशेवर व्यवहार से जुड़े हैं, जिसकी वजह से हितों के टकराव के मुद्दे उभरकर सामने आए हैं.
बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि बैंक की शिकायतों और आरोपों से निपटने की एक तय नीति और प्रक्रिया है और बैंक इसी के अनुरूप जांच के बाद उपयुक्त कार्रवाई करता है. मंगलवार को जारी एक बयान में बैंक ने कहा कि इस घटनाक्रम से संबंध रखने वाले कार्यकारी अधिकारी अशोक खन्ना जो कि 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त हो गये थे, लेकिन उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था. प्रवक्ता ने इसकी भी पुष्टि की है कि मुख्य सूचना अधिकारी ने विदेश के विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई करने का फैसला किया है, पर वह अभी भी नोटिस अवधि में हैं.
बता दें कि एचडीएफसी बैंक ने अपने ऑटो लोन विभाग की ओर से बांटे गए कर्जों में अनियमितता को लेकर जांच शुरू की है. ब्लूमबर्ग ने मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में सोमवार को कहा था कि इस मामले में यूनिट के पूर्व हेड की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने इस मामले के चलते ऑटो लोन यूनिट के पूर्व हेड अशोक खन्ना के कार्यकाल को भी नहीं बढ़ाया. जांच रिपोर्ट आने के बाद खन्ना को लेकर यह फैसला लिया गया, उससे पहले उनके कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है.
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Posted By : Vishwat Sen
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