22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Health Insurance कराने वाली महिलाएं ध्यान दें, ये बीमारियां नहीं होंगी कवर

Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को एक्टिव होने में लगने वाले समय को वेटिंग पीरियड कहा जाता है. सभी बीमा कंपनियों की हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करते हैं, लेकिन इन्हें 48 महीने के बाद ही कवर किया जाता है.

Health Insurance: आदमी के शरीर में होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए बीमा कंपनियां मेडिकल इंश्योरेंस के जरिए पैसा उपलब्ध कराती हैं. कई गंभीर बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके इलाज में आदमी को अच्छा-खासा पैसा देना पड़ जाता है. इसीलिए लोग-बाग पहले से ही हेल्थ इंश्योरेंस करवा के रख लेते हैं. लेकिन, आदमी के शरीर में होने वाली हर प्रकार की बीमारी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आती. खासकर, महिलाओं से संबंधित भी कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जो हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आतीं. अगर कोई आदमी या महिला अपने लिए या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कराने जा रहा हो, तो उसे इस बात की जानकारी ले लेनी चाहिए कि कौन सी बीमारी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में आती है और कौन नहीं आती. आइए, उन बीमारियों के बारे में जानते हैं, जो हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आतीं.

महिलाओं की कौन सी बीमारी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आतीं?

अगर कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेने जा रहा है, तो उसे इस बात की जानकारी हो जानी चाहिए कि कौन-कौन सी बीमारियां इसके दायरे में नहीं आतीं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो जन्मजात बीमारी या फिर जेनेटिक बीमारियां हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आतीं. इसके अलावा, महिलाएं अपनी सुंदरता को निखारने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी करवाती हैं. इनमें लिप ऑगमेंटेशन, राइनोप्लास्टी और बोटोक्स आदि सर्जरी शामिल है. इनमें से कोई एक सर्जरी कराने के बाद अगर कोई दिक्कत होती है, तो इस प्रकार की बीमारी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आती.

पुरुष की कौन-कौन सी बीमारियों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर नहीं करता?

वहीं, कोई आदमी सिगरेट पीता है, ड्रग्स, नशीले पदार्थ या शराब का सेवन करता है और उसकी वजह से कोई बीमारी हो जाती है, तो इस प्रकार की बीमारियां हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे से बाहर रखी गई हैं. इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस लेने के 30 के अंदर किसी को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है या उसे पहले से ही कोई बीमारी हो, तो यह भी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में शामिल नहीं की गई है.

हेल्थ इंश्योरेंस में वेटिंग पीरियड कितने दिनों का होता है?

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को एक्टिव होने में लगने वाले समय को वेटिंग पीरियड कहा जाता है. सभी बीमा कंपनियों की हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करते हैं, लेकिन इन्हें 48 महीने के बाद ही कवर किया जाता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का मतलब यह कतई नहीं होता कि पॉलिसी खरीदने के दिन से ही किसी की कोई भी बीमारी कवर हो जाएगी, बल्कि क्लेम करने के लिए थोड़े दिन रुकना पड़ता है. यह रुकने अवधि या वेटिंग पीरियड 15 से 90 दिनों तक की हो सकती है. हमेशा ऐसी कंपनी से पॉलिसी लेनी चाहिए जिसका वेटिंग पीरियड कम हो.

ये भी पढ़ें: बीएसई में रॉकेट बन गया TCS का स्टॉक, शेयर बाजार को दी नई ऊंचाई

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें