लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए टली, सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से मांगा सुझाव
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में चल रही लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई एक बार फिर अगले सप्ताह तक के लिए टल गयी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिजली उत्पादक कंपनियों को लोन राहत पर सुझाव देने के लिए कहा है.
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में चल रही लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई एक बार फिर अगले सप्ताह तक के लिए टल गयी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिजली उत्पादक कंपनियों को लोन राहत पर सुझाव देने के लिए कहा है.
Supreme Court adjourns for next week the hearing in the loan moratorium case, asks the power-producing companies to give suggestions on loan relief to Reserve Bank of India
— ANI (@ANI) November 19, 2020
याचिका दायर करनेवाली बिजली उत्पादक कंपनियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सात मार्च को कोविड-19 दौर से पहले ही संसदीय समिति उनके कर्ज री-स्ट्रक्चरिंग की मांग का समर्थन किया था.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर बैंक हमारे लोन को री-स्ट्रक्चर करने को तैयार नहीं हैं. बिजली उत्पादन कंपनियों पर 1.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, लेकिन इनमें एफपीआई या एलआईसी को पैसा लगाने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा कि क्रेडिट कार्डधारकों को ब्याज पर ब्याज छूट का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. क्रेडिट कार्डधारक कर्जदार नहीं है. वे खरीदारी करते हैं, वे कोई कर्ज नहीं लेते हैं.
सरकार की ओर से अदालत में उपस्थित हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय से गुहार लगायी कि आगे और किसी राहत की मांग पर विचार ना किया जाये, क्योंकि सरकार पहले ही शीर्ष सीमा पर पहुंच चुकी है.
लोन मोरेटोरियम मामले में ब्याज पर ब्याज माफ करने को लेकर सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने की. बेंच कर्ज अदायगी में कुछ वक्त तक छूट दिये जानेवाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
केंद्र ने मार्च से अगस्त 2020 के बीच ग्राहकों को लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी. इस अवधि के दौरान ब्याज पर लगनेवाले ब्याज को माफ करने का निर्देश अदालत पहले ही दे चुकी है. इस पर केंद्र सरकार ने भी सहमति जतायी है.
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