मई में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भारी गिरावट, कोरोना की दूसरी लहर ने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर
नयी दिल्ली : कोरोनावायरस (CoronaVirus) की दूसरी लहर ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) की कमर तोड़ कर रख दी है. आम लोग जहां महंगाई से त्रस्त हैं वहीं राज्य सरकारों को भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए राज्यों ने आवागमन पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे थे. इसके कारण मई महीने में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में बड़ी गिरावट देखने को मिली. हालांकि पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel) की कीमतें आसमान पर जरूर पहुंच गयी. इसको लेकर आज कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन भी कर रही है.
नयी दिल्ली : कोरोनावायरस (CoronaVirus) की दूसरी लहर ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) की कमर तोड़ कर रख दी है. आम लोग जहां महंगाई से त्रस्त हैं वहीं राज्य सरकारों को भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए राज्यों ने आवागमन पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे थे. इसके कारण मई महीने में पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में बड़ी गिरावट देखने को मिली. हालांकि पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel) की कीमतें आसमान पर जरूर पहुंच गयी. इसको लेकर आज कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन भी कर रही है.
सरकार के आधिकारिक आंकड़ों पर नजर डालें तो ईंधन की खपत, जिसमें डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन शामिल है, मार्च की तुलना में मई महीने में 25 प्रतिशत तक गिरी है. इसी अवधि के दौरान, ट्रांसपोर्टरों द्वारा संकलित आंकड़े बताते हैं कि माल ले जाने के लिए उत्पन्न ई-वे बिल में भी 45 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण राज्यों के भीतर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध है.
केंद्र सरकार के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वायु ईंधन की खपत में अधिकतम गिरावट देखी गई. इसकी खपत मार्च में 4,75,000 मीट्रिक टन, अप्रैल में 4,13,000 मीट्रिक टन और मई में 2,63,000 मीट्रिक टन रही. कोरोना की दूसरी लहर में कम से कम नौ देशों द्वारा लगाये गये हवाई यात्रा प्रतिबंधों का प्रभाव विमानन क्षेत्र पर भी महसूस किया गया.
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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जैसे-जैसे राज्यों ने प्रतिबंध लगाना शुरू किया, मार्च और मई के बीच देश भर में पेट्रोल की खपत में 27 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. पेट्रोल की खपत मार्च में 27,40,000 मीट्रिक टन, अप्रैल में 23,86,000 मीट्रिक टन रही. वहीं मई महीने में घटकर यह 19,90,000 मीट्रिक टन पर आ गयी. यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब पेट्रोल की कीमतें भी मुंबई में 100 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली में 95 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई हैं.
डीजल, जो माल ले जाने वाले भारी वाहनों द्वारा अधिक उपयोग किया जाता है, मार्च और मई के बीच खपत में 23.4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. जो तीनों ईंधनों में सबसे कम है. डीजल की खपत मार्च में 72,24,000 मीट्रिक टन, अप्रैल में 66,83,000 मीट्रिक टन और मई में 55,35,000 मीट्रिक टन रही. कुल मिलाकर, मार्च में 1,04,39,000 मीट्रिक टन पेट्रोल, डीजल और विमानन ईंधन की खपत हुई. अप्रैल में लगभग 10 प्रतिशत गिरकर 94,82,000 मीट्रिक टन और मई में 25 प्रतिशत घटकर 77,89,000 मीट्रिक टन हो गयी.
Posted By: Amlesh Nandan.
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