Budget 2022 Highlights: क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा, जानें आम लोगों की जेब पर बजट का क्या पड़ेगा असर

आम बजट 2022 में वित्त मंत्री ने जो घोषणा की उसके अनुसार किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. खेती से जुड़े सामना सस्ते होंगे. इसके अलावा चमड़ा, मोबाइल फोन चार्जर, कपड़ा, पैकेजिंग के डिब्बे सस्ते होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2022 5:42 PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट2022 संसद में पेश किया. जिसमें आम लोगों की जेब पर असर डालने वाली घोषणाएं भी हुई. वित्त मंत्री ने कस्टम ड्यूटी, आयात शुल्क या तो घटाने या बढ़ाने की घोषणा की. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, ऊंची कीमतों के कारण कुछ इस्पात उत्पादों पर कुछ डंपिंग रोधी शुल्क और सीवीडी खत्म किए जा रहे हैं. आइये जानें क्या सस्ता और महंगा होगा.

बजट 2022 : क्या होगा सस्ता

आम बजट में वित्त मंत्री ने जो घोषणा की उसके अनुसार किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. खेती से जुड़े सामना सस्ते होंगे. इसके अलावा चमड़ा, मोबाइल फोन चार्जर, कपड़ा, पैकेजिंग के डिब्बे सस्ते होंगे. इसके अलावा पालिश्ड डायमंड, जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे. सरकार ने तराशे और पॉलिश किये गये हीरों, रत्न पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया. ट्रांसफॉर्मर और मोबाइल फोन चार्जर पर सरकार ने कस्टम ड्यूटी पर छूट दी है. विदेश से आने वाली मशीनें सस्ती होंगी.

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बजट 2022: क्या होगा महंगा

वित्त मंत्री ने जो अपने बजट भाषण में बताया उसके अनुसार कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है. इमिटेशन ज्वैलरी के आयात को कम करने के लिए कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, विदेशी छाता महंगा होगा.

बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल महेंगे होंगे

बिना मिश्रण वाले ईंधन पर एक अक्टूबर से दो रुपये लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगेगा, इसका मकसद पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देना है.

रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आयात को घटाने और आत्म निर्भरता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (ओएसओ) का पांच प्रतिशत आवंटित किया जाएगा. सीतारमण ने कहा, सभी गांवों में भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेट को बिछाने का अनुबंध पीपीपी आधार पर दिया जाएगा. उन्होंने ध्यान दिलाया कि विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन का जोखिम बाहरी कारक हैं तथा कम कार्बन विकास रणनीति से रोजगार के अवसर खुलेंगे.

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