Hindenburg का असर, Adani ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी, जानिए कितना हुआ घाटा
Hindenburg Adani Row: अडाणी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित रूप से बाजार पूंजीकरण नौ कारोबारी दिनों में 9.5 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है.
Hindenburg Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर अब भी अडाणी ग्रुप पर दिख रहा है और समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा. इस गिरावट के बीच अडाणी ग्रुप की सभी कंपनियों का सम्मिलित रूप से बाजार पूंजीकरण नौ कारोबारी दिनों में 9.5 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है.
अडाणी समूह के शेयरों को लेकर बाजार की धारणा हुई खराब
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह के शेयरों को लेकर बाजार की धारणा खराब हुई है. इस कारण समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. हफ्ते के पहले दिन सोमवार का कारोबार बंद होने पर अडाणी समूह की 10 में से 6 कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे.
अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 10 प्रतिशत टूटा
अडाणी ट्रांसमिशन का शेयर 10 प्रतिशत टूट गया. जबकि, अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी विल्मर के शेयरों में 5-5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 0.74 प्रतिशत की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ. हालांकि, शुरुआती कारोबार में इसका शेयर 9.50 प्रतिशत नीचे आ गया था, लेकिन बाद में इसकी स्थिति सुधर गई.
अडाणी समूह की 4 कंपनियों में बढ़त दर्ज
अडाणी समूह की 4 कंपनियों ने गिरावट के रुख के बीच भी बढ़त दर्ज की. इनमें अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड में 9.46 प्रतिशत की तेजी हासिल करने में सफल रही. अंबुजा सीमेंट में 1.54 प्रतिशत, एसीसी में 2.24 प्रतिशत और एनडीटीवी में 1.37 प्रतिशत का सुधार देखा गया.
जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट
स्टॉक्सबॉक्स के शोध प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि पिछले नौ कारोबारी दिनों में समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 49 प्रतिशत तक गिर चुका है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने और एफपीओ को वापस लेने से कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा है. अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था. उसके बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया. हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और खुलासा अनिवार्यताओं को पूरा करता रहा है.
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