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Real Estate: महंगे लोन-प्रोपर्टी की बढ़ती कीमत से अपना घर बना सपना, 50 लाख रुपये तक के घरों की बिक्री 16% घटी

Real Estate: पिछले साल देश के आठ बड़े शहरों में 50 लाख तक के घरों की बिक्री में करीब 16 प्रतिशत तक घटकर 98,000 इकाई रह गई है. इस बात की जानकारी, नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में सामने आयी है.

Real Estate: रिजर्व बैंक के द्वारा पिछले साल फरवरी में रेपो रेट में बदलाव किया गया था. उसके बाद से शीर्ष बैंक ने दरों को सामान्य रखा है. मगर, बढ़ती महंगाई में लोगों के लिए अपना घर सपना हो गया है. यहीं कारण है कि पिछले साल देश के आठ बड़े शहरों में 50 लाख तक के घरों की बिक्री में करीब 16 प्रतिशत तक घटकर 98,000 इकाई रह गई है. इस बात की जानकारी, नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में सामने आयी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एक तरफ 50 लाख तक के घरों की बिक्री कम हुई है, वहीं, मध्यम आय वर्ग और लक्जरी आवास खंड में ऊंची मांग की वजह से घरों की कुल बिक्री 10 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई. साथ ही, शीर्ष आठ शहरों, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद में बीते साल सभी मूल्य वर्ग में घरों की बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 3,29,907 इकाई पर पहुंच गई. रिपोर्ट में घरों की बिक्री में कमी के लिए संपत्ति की कीमतों में उछाल और आवास ऋण पर ऊंचे ब्याज दरों को सबसे बड़ी वजह बताया गया है.

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रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया एक वेबिनार में यह रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत वाली आवासीय संपत्तियों की बिक्री 2022 के 1,17,131 इकाई के आंकड़े से घटकर 2023 में 97,983 इकाई रह गई. इससे कुल आवास बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत रह गई है. एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी 2022 के 27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 34 प्रतिशत हो गई. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि अधिक महंगी संपत्तियों की ओर बदलाव की वजह से आवास बाजार ने 2023 में भी अच्छी तेजी हासिल की. उन्होंने कहा कि देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद की वजह से खरीदारों का दीर्घावधि का निवेश करने का भरोसा बढ़ा है. वर्ष 2018 में कुल आवासीय बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 54 प्रतिशत थी. मुंबई में 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत के घरों की बिक्री 2023 में छह प्रतिशत घटकर 39,093 इकाई रह गई, जो इससे पिछले वर्ष में 41,595 इकाई थी.

किफायती आवास खंड में सबसे अधिक गिरावट बेंगलुरु में देखी गई. बेंगलुरु में सस्ते घरों की बिक्री 46 प्रतिशत घटकर 8,141 इकाई रह गई. 2022 में यह आंकड़ा 15,205 इकाई का था. दिल्ली-एनसीआर के बाजार में सस्ते घरों की बिक्री 44 प्रतिशत घटकर 7,487 इकाई रह गई, जो 2022 में 13,290 इकाई थी. नाइट फ्रैंक ने कहा कि 2023 में कुल आवास बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 3,29,097 इकाई हो गई, जो इससे पिछले वर्ष 3,12,666 इकाई थी. मुंबई में कुल आवास बिक्री दो प्रतिशत बढ़कर 86,871 इकाई हो गई, जो 2022 में 85,169 इकाई थी. इसी तरह दिल्ली-एनसीआर में बिक्री तीन प्रतिशत बढ़कर 60,002 इकाई रही, जो इससे पिछले साल 58,460 इकाई थी. बेंगलुरु में कुल बिक्री एक प्रतिशत बढ़कर 53,363 इकाई से 54,046 इकाई हो गई. वहीं पुणे में बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 43,409 इकाई से 49,266 इकाई हो गई.

चेन्नई में आवास बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 14,920 इकाई हो गई. हैदराबाद में बिक्री 31,046 इकाई के आंकड़े से छह प्रतिशत बढ़कर 32,880 इकाई हो गई. कोलकाता में बिक्री 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 14,999 इकाई हो गई. इसी तरह अहमदाबाद में घरों की बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 16,113 इकाई हो गई, जो पिछले साल 14,062 इकाई थी.

(भाषा इनपुट के साथ)

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