किराएदारों के लिए जरूरी खबर, HRA के साथ की छेड़छाड़ तो देना पड़ सकता है मोटा जुर्माना
किराएदार अगर HRA क्लेम करते हैं तो उन्हें सही दस्तावेज देने चाहिए. रेंट एग्रीमेंट बिना लगाए क्लेम नहीं करना चाहिए. किराए संबंधी दस्तावेज में गड़बड़ी मिलने पर बड़ी पेनाल्टी लग सकती है.
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. खासकर हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के क्लेम को लेकर. आयकर विभाग ने अलर्ट किया है कि आयकर की धारा 10 (13A) के तहत अगर किराएदार ने इनकम टैक्स में HRA क्लेम किया है तो वह रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) और उसकी पावत्ति हमेशा तैयार रखें. विभाग रेंडम स्क्रूटनी के जरिए इस पर निगाह रख रहा है और गड़बड़ी की आशंका पर Income Tax Notice भेजेगा.
ऐसी सूरत में अगर आप प्रूफ नहीं जमा कर पाते हैं तो आपका क्लेम खारिज हो सकता है और आप बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं. विभाग के मुताबिक अगर क्लेम फेक निकला तो मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है. विभाग के मुताबिक रसीद फेक देने पर जुर्माने का अलग प्रावधान है. जितनी रकम की फोर्जरी पकड़ी जाएगी, जुर्माना भी उसी हिसाब से तय होगा.
अगर किराए की रकम और रसीद का अमाउंट मेल नहीं खाता तो पहले विभाग HRA Claim को कैंसिल कर देगा. ऐसी स्थिति में आयकर अधिकारी प्रूफ मांग सकता है और उसे न देने पर आयकरदाता को अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा. इस अमाउंट में ब्याज और जुर्माना ऊपर से लगेगा.
Tenant पर 50 फीसद तक लग सकता है जुर्मानाCA मनीष कुमार गुप्ता के मुताबिक इनकम टैक्स 1961 के सेक्शन 270ए के तहत इनकम टैक्स क्लेम में आय गलत दिखाने पर जांच अधिकारी के पास 50 फीसद तक जुर्माना लगाने का अधिकार है. इसे जानबूझकर की गई फोर्जरी माना जाएगा. इसमें एक्ट के सेक्शन 234A, 234B और 234C के तहत ब्याज भी लगेगा.
गलत इनकम दिखाने पर 200 फीसद जुर्माने का प्रावधानअगर इनकम कम दिखाई गई है या उसमें कोई दूसरी गड़बड़ी की गई है तो विभाग 200 फीसद तक जुर्माना लगा सकता है. किराएदारी के मामले में विभाग रेंडम स्क्रूटनी कर रहा है.
इनकम टैक्स वेरिफिकेशनआयकर विभाग अलग-अलग तरीके से रेंट की रसीद का वेरिफिकेशन करता है. HRA क्लेम के साथ रेंट एग्रीमेंट में दी गई रकम भी चेक करता है. अगर एग्रीमेंट नहीं लगा है तो फिर प्रूफ मांगता है. मनीष गुप्ता के मुताबिक मकान मालिक का PAN भी चेक होता है. इसलिए किराया क्लेम करते समय कोई भी गलत जानकारी न दें. पकड़े जाने पर मोटा जुर्माना लग सकता है.
क्या होता है HRAहाउस रेंट अलाउंस (HRA) एक कर्मचारी के वेतन का एक हिस्सा है, जो कंपनी द्वारा उनके किराए के आवास के खर्चों को कवर करने के लिए दिया जाता है. चूंकि HRA को वेतन का एक हिस्सा माना जाता है, इस पर टैक्स लगता है. हालांकि, आयकर नियमों द्वारा निर्धारित कुछ शर्तों और सीमाओं के आधार पर इसे करों से छूट दी जा सकती है. कर्मचारी, जो सीधे अपने नियोक्ता से किराया भत्ता प्राप्त करते हैं और किराए का खर्च वहन करते हैं, HRA छूट के लिए पात्र हैं.
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