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भारत में कितने लोग समझते हैं बजट का मतलब, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

Budget: बजट सरकार की वार्षिक वित्तीय योजना है, जिसमें देश की आय-व्यय का लेखा-जोखा पेश किया जाता है. इसमें यह बताया जाता है कि सरकार अपने संसाधनों को कैसे अर्जित करेगी और किन क्षेत्रों में खर्च करेगी. लेकिन, सरकार के बजट को देश के प्रत्येक नागरिक अच्छी तरह से नहीं समझते हैं. भारत के 125 करोड़ की आबादी में से कुछ लोग ही इसे अच्छी तरह से समझते हैं और उसमें रुचि दिखाते हैं.

Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का सालाना बजट पेश करेंगी. इस बजट के लिए उद्योग जगत और विशेषज्ञों की ओर से वित्त मंत्री को सुझाव भेजे जा रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था और देशवासियों के लिए बजट तैयार किया जा रहा है, लेकिन देश के कितने लोग बजट का सही मतलब समझते हैं? हालांकि, भारत की 1.25 अरब या 125 करोड़ की आबादी में से बजट को समझने वाले लोगों की संख्या का अनुमान लगाना थोड़ा कठिन है, क्योंकि इस बारे में कोई सटीक और अपडेटेड आंकड़ा नहीं है. फिर भी, कुछ सर्वेक्षण और अध्ययन से इस बारे में जानकारी उपलब्ध है. आइए, इसके बारे में जानते हैं.

सिर्फ 15% भारत के लोग जानते हैं बजट का मतलब

साल 2021 में कराए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि भारत की 125 करोड़ की आबादी में से केवल 15-20% लोग ही संसद में पेश होने बजट को पूरी तरह से समझते हैं या उसे समझने की कोशिश करते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफ) के अध्ययन के अनुसार, बजट के बारे में समझ रखने वाले नागरिकों का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है, लेकिन यह अभी भी एक सीमित हिस्सा है.

70% भारतीयों को बजट की जानकारी नहीं

साल 2019 में हिंदुस्तान टाइम्स की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया था कि लगभग 70% भारतीयों को बजट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. जो लोग बजट के बारे में जानते हैं, उनमें से अधिकांश का ध्यान केवल टैक्स, पेट्रोल-डीजल की कीमतों या सरकार की योजनाओं पर केंद्रित रहता है.

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शहर के एजुकेटेड लोगों में बजट में रुचि अधिक

शहरी क्षेत्रों में विशेष रूप से एजुकेटेड लोगों के बीच बजट के प्रति समझ और रुचि अधिक है. ग्रामीण इलाकों में बजट को समझने का स्तर अपेक्षाकृत कम है, जहां लोग अधिकतर बुनियादी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इन आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत की कुल आबादी का 15-25% ही बजट को पूरी तरह से समझता है, जबकि बाकी लोग या तो सीमित जानकारी रखते हैं या बजट से सीधे जुड़ी चीजों में ही रुचि रखते हैं.

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