Saving Account में किस लिमिट तक रख सकते हैं पैसा? क्रॉस करने पर पूछ लेगा आयकर विभाग

Saving Account Limit: आयकर विभाग देश के बैंकों में खोले गए करंट और सेविंग अकाउंट पर हमेशा नजर बनाए रखता है. आप जब कभी भी अपने सेविंग अकाउंट में कोई रकम जमा करते हैं या फिर उसकी निकासी करते हैं, तो आयकर विभाग को उसकी जानकारी मिल जाती है.

By KumarVishwat Sen | July 3, 2024 3:34 PM
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Saving Account Limit: बैंक अकाउंट खुलवाना आज की तारीख में हर व्यक्ति की जरूरत बन गई है. डिजिटल जमाने में बैंक अकाउंट आपके ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को आसान बनाता है, तो बैंक पासबुक आपके लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन जाता है. नौकरी-पेशा, किसान और आम आदमी जब बैंक में खाता खुलवाता है, तो वह बचत खाता या फिर सेविंग अकाउंट कहलाता है. वहीं, जब कोई कारोबारी बैंक अकाउंट खुलवाता है, तो वह करंट अकाउंट या चालू खाता कहा जाता है. सेविंग अकाउंट में पैसा जमा करने और अकाउंट में पैसा रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और आयकर विभाग ने एक सीमा तय कर रखी है. तय सीमा से अधिक रकम रहने पर आयकर विभाग संबंधित व्यक्ति से सवाल पूछ लेता है.

मोबाइल ऐप से बढ़ा डिजिटल ट्रांजेक्शन

जब से देश में ऑनलाइन या डिजिटल ट्रांजेक्शन का दौर शुरू हुआ है, लोगों ने अपनी जेब, बटुआ और घर में नकदी रखना बंद कर दिया है. ज्यादातर लोग अपने सेविंग अकाउंट से ही डिजिटली या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं. आजकल प्राय: हर बैंक ने अपने-अपने मोबाइल ऐप लॉन्च कर दिए हैं. इसके अलावा, लोग पेटीएम, फोनपे, गूगल पे, यूपीआई, डेबिट कार्ड, रुपे कार्ड आदि से ट्रांजेक्शन कर रहे हैं.

Saving Account में कितना रख सकते हैं बैलेंस

सेविंग अकाउंट में बैलेंस रखने की कोई सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन आयकर विभाग ने एक वित्त वर्ष में सेविंग बैंक अकाउंट में बैलेंस की लिमिट तय कर दी है. आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, भारत का कोई भी नागरिक एक वित्तीय वर्ष में अपने सेविंग बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपये से अधिक रकम का बैलेंस नहीं रख सकता है. अगर किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट में आयकर विभाग की ओर से तय की गई लिमिट से अधिक रकम पाई जाती है, तो आयकर विभाग संबंधित आदमी को ई-मेल करके पूछताछ कर सकता है. इसके बाद खाताधारक को आयकर विभाग को बाकी की रकम के स्रोत के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी.

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कितनी रकम पर लग जाता है इनकम टैक्स

आयकर विभाग देश के बैंकों में खोले गए करंट और सेविंग अकाउंट पर हमेशा नजर बनाए रखता है. आप जब कभी भी अपने सेविंग अकाउंट में कोई रकम जमा करते हैं या फिर उसकी निकासी करते हैं, तो आयकर विभाग को उसकी जानकारी मिल जाती है. आपके खाते में एक वित्त वर्ष में अगर 10 लाख रुपये का बैलेंस है, तो आयकर विभाग आपसे कोई सवाल नहीं पूछेगा. जैसे ही आपके सेविंग अकाउंट में बैलेंस निर्धारित लिमिट को क्रॉस करता है, तो आयकर विभाग आपसे इनकम टैक्स वसूलना शुरू कर देता है. इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करने पर आयकर विभाग खाताधारक को नोटिस भी भेज सकता है.

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