Constant Attendant Allowance: सदन में रक्षा मंत्रालय से सवाल किया गया कि रक्षा विभाग में सैन्य सेवा में शत-प्रतिशत दिव्यांग या आंखों की रौशनी खो चुके सैन्य कर्मियों को दिए जाने वाले स्थायी परिचर भत्ता (Constant Attendant Allowance) पाने वाले सशस्त्र बलों के पात्र पेंशन भोगियों की संख्या कितनी है. इसके साथ ही यह भी सवाल किया गया कि इन्हें कितना भत्ता दिया जा रहा है. वहीं, रक्षा मंत्रालय से बढ़ोत्तरी का ब्योरा भी मांगा गया. रक्षा मंत्रालय की ओर से राज्य मंत्री अजय भट्ट ने तमाम सवालों के जवाब दिए.
राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि सैन्य सेवा में शत-प्रतिशत दिव्यांग या आंखों की रौशनी खो चुके सैन्य कर्मियों को दिए जाने वाले स्थायी परिचर भत्ता (Constant Attendant Allowance) पाने वाले सशस्त्र बलों के पात्र पेंशन भोगियों की संख्या 1425 है. उन्होंने बताया कि इन्हें स्थायी परिचर भत्ता के तहत एक माह में करीब 90.39 लाख रुपये दिया जाता है.
जब उनसे पूछा गया कि पिछली पांच बढ़ोतरी का आंकड़ा क्या है. इसके जवाब में राज्य मंत्री ने कहा कि 1996 में इन्हें 600 रुपये प्रतिमाह दिया जाता था. जिसे 2006 में बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया. फिर 2011 में इसे बढ़ाकर 3750 रुपये कर दिया गया. वहीं, 2014 में स्थायी परिचर भत्ता बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया गया. और 2017 में इनका स्थायी परिचर भत्ता बढ़ाकर 6750 रुपये कर दिया गया.
चिकित्सा की दृष्टि से अप्रमाणिक पाये गये सेना कर्मियों को सौ फीसदी निःशक्तता के लिए निशक्तता पेंशन के अलावा समान दर पर स्थायी परिचर भत्ता दिया जाता है. वहीं, चिकित्सा बोर्ड की राय में अगर विकलांग पेंशन भोगी को कम से कम 3 महीने के लिए स्थायी परिचर के सेवाकाल की जरूरत है तो उन्हें स्थायी परिचर भत्ता भी दिया जाता है.
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