Loading election data...

Property : पिता की प्रॉपर्टी में कितना हो ता है बेटियों का हक, क्या है कानून?

Property : विवाह के बाद भी बेटी पैतृक संपत्ति में बराबर की हकदार बनी रहती है और बेटियों को बेटों के समान ही उत्तराधिकार का हक है. बेटियाँ भी अपने पिता की संपत्ति पर दावा कर सकती हैं. पढ़ें पूरी खबर

By Pranav P | July 21, 2024 3:17 PM
an image

Property rules : भारत में, संपत्ति के बंटवारे को लेकर कई नियम हैं, जिन पर परिवारों में अक्सर बहस चलती रहती हैं क्योंकि हर कोई इन नियमों को नहीं जानता. बहुत से लोग, विशेषकर महिलाएं, इस विषय के बारे में ज्यादा नहीं जानते. इस जानकारी की कमी के कारण महिलाओं को ऐसा लगता है कि संपत्ति पर उनका कोई अधिकार नहीं है और पारंपरिक रीति-रिवाज़ कभी-कभी बेटियों को वह हक नहीं देते हैं जिनका वे हकदार हैं. आइए जानते हैं बेटियों के हक में क्या कहता है भारत का कानून.

Property पर यह कहता है कानून

2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में बदलाव करके पहली बार बेटियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया गया था. पहले यह नियम केवल उन बेटियों पर लागू होता था जिनके पिता की मृत्यु 9 सितंबर, 2005 के बाद हुई हो. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस तिथि की सीमा को हटा दिया था. अब बेटियों को बेटों के समान ही उत्तराधिकार का हक है. आज बेटियाँ भी अपने पिता की संपत्ति पर दावा कर सकती हैं.

Also Read : Microsoft का सर्वर ठप: दुनिया भर में विमान, बैंकिंग और रेल सेवाएं बाधित, मची अफरा-तफरी

इन मामलों मे नही मिलती है संपत्ति (Property)

बेटी अपने पिता की संपत्ति पर दावा करने के लिए अदालत जा सकती हैं. इसके लिए कोर्ट मे मुकदमा दायर करना पड़ता है और अपने दावे का समर्थन करने के लिए कुछ सबूत पेश करने होते हैं. अदालत की सहमति के बाद महिला को आधिकारिक रूप से पिता की संपत्ति पर अधिकार मिल जाता है. कुछ मामलों में बेटियों को यह संपत्ति नही मिलती जैसे –

Property : पिता की प्रॉपर्टी में कितना हो ता है बेटियों का हक, क्या है कानून? 3
  • अगर पिता की संपत्ति पर कोई केस पहले से हो या संपत्ति किसी अपराधिक मामलों के कारण कोर्ट में हो. तब बेटी को अपने पिता की विरासत नहीं मिल सकती. कोर्ट के फैसलों के बाद इन मामलों में विवादित संपत्ति छीनी जा सकती है या किसी और को दी जा सकती है, और बेटी का उस पर कोई अधिकार नहीं होगा.
  • यदि पिता व्यक्तिगत या व्यावसायिक कारणों से अपनी संपत्ति का स्वामित्व किसी बैंक, संगठन या व्यक्ति को हस्तांतरित करते हैं, तो बेटी को उस पर कोई अधिकार या हक नहीं होगा.
  • हिंदू संपत्ति विधेयक के अनुसार, जब तक पिता जीवित हैं, बेटी को उनकी संपत्ति विरासत में नहीं मिलेगी. पिता के देहांत के बाद संपत्ति परिवार के अन्य सदस्यों जैसे माँ, भाई, बहन आदि को मिल जाती है.

Also Read : Vedanta दिल्ली हाफ मैराथन 20 अक्टूबर को, आज से रजिस्ट्रेशन शुरू

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version