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एसआईपी का उस्ताद है यह सरकारी स्कीम, बुढ़ापे में पेंशन की टेंशन खत्म, हर महीने 78 हजार

PPF: भारत में पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ की शुरुआत साल 1968 में की गई थी. इसका उद्देश्य छोटी बचत के माध्यम से बेहतर रिटर्न पाने के लिए निवेश बढ़ावा देना है. इसे व्यवस्थित निवेश का साधन भी कहा जा सकता है.

PPF: आम तौर पर रिटायरमेंट की लाइफ सिक्योर करने के लिए आज की युवा पीढ़ी एसआईपी (एसआईपी) की ओर तेजी से रुख कर रही है. इसका कारण यह है कि एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंडों में निवेश पर कम्पाउंडिंग के साथ बंपर रिटर्न मिलता है. लेकिन, सरकार की भी कई ऐसी योजनाएं हैं, जो रिटायरमेंट लाइफ के लिए बड़ा फंड खड़ा करने में बरसों से मददगार साबित हो रही हैं. इन्हीं में से एक पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) है, जो सरकारी और प्राइवेट कंपनियों में काम करने वालों के बीच काफी पॉपुलर है. सरकार की ओर से चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ काफी लोकप्रिय है. अगर इसमें व्यवस्थित तरीके से नियमित निवेश किया जाए, तो सेवानिवृत्ति से पहले आपके खाते में बड़ी रकम जमा हो जाती है. इसके लिए कुछ अनोखे तरकीब को इस्तेमाल करना होगा, जो काफी आसान है. इसके जानकार बताते हैं कि पीपीएफ में नियमित निवेश करने पर आदमी न केवल मालामाल हो सकता है, बल्कि रिटायरमेंट लाइफ में रह महीने कम से कम 78,000 रुपये की पेंशन भी पा सकता है.

पीपीएफ क्या है?

भारत में पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ की शुरुआत साल 1968 में की गई थी. इसका उद्देश्य छोटी बचत के माध्यम से बेहतर रिटर्न पाने के लिए निवेश बढ़ावा देना है. इसे व्यवस्थित निवेश का साधन भी कहा जा सकता है, जो सालाना टैक्स को कम करते हुए रिटायरमेंट फंड में जमा करने में सक्षम बनाता है. टैक्स बचाने और गारंटीड रिटर्न पाने के लिए सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए पीपीएफ खाता फायदेमंद साबित हो सकता है.

पीपीएफ कितना महत्वपूर्ण है?

शेयर बाजार के जोखिमों से दूर रहने वालों के लिए पीपीएफ निवेश का बेहतरी ऑप्शन है. हालांकि, रिटर्न बहुत अधिक नहीं हो सकता है, क्योंकि वे बाजार पर निर्भर करते हैं, लेकिन वे स्थिरता प्रदान करते हैं. इसके अलावा, पीपीएफ में निवेश करने से आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद मिल सकती है और इस पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है.

पीपीएफ खाता कैसे खुलेगा?

पीपीएफ खाता खोलना काफी आसान है. आप देश के किसी भी डाकघर या बैंक की किसी भी शाखा में जाकर पीपीएफ खाता खोल सकते हैं. यह खाता कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये में भी खुल सकता है. इसके बाद खाताधारकों को प्रत्येक वित्त वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 जमा करना जरूरी है.

पीपीएफ कितना पैसा जमा करना जरूरी है

रिटायरमेंट लाइफ में पीपीएफ खाता के जरिए हर महीने 60,000 रुपये की पेंशन पाने के लिए आपको मोटी रकम जमा करनी होगी. अगर आपकी उम्र 35 साल है, तो पीपीएफ खाते में हर साल 1,50,000 रुपये जमा करना शुरू दें. अगले साल आपके खाते में 7.1% की दर से ब्याज मिल जाएगा. इसी प्रकार आपको हर साल अपने खाते में 1,50,000 रुपये जमा कराते रहना होगा. अगले 15 साल में आपके पीपीएफ खाते में कुल जमा रकम 40,68,209 रुपये हो जाएगी. इसमें करीब 18,18,209 लाख रुपये ब्याज की रकम होगी और करीब 22,50,000 रुपये आपका मूलधन होगा. यानी 50 साल की उम्र में आपके पास करीब 40,68,209 रुपये इकट्ठा हो जाएगा. आप चाहें, तो इसे पांच साल के लिए और आगे बढ़ा सकते हैं और इन पांच सालों में रह साल 1,50,000 रुपये पहले की तरह जमा करते जाएं. आपकी 55 साल की उम्र पूरा होने तक आपके पीपीएफ खाते में करीब 66,58,288 रुपये होंगे. इसमें आपके ब्याज की रकम 36,58,288 रुपये और आपका मूलधन 30,00,000 शामिल होगा.

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कैसे मिलेगी 60,000 रुपये की पेंशन

जब आप पीपीएफ खाते को पांच साल के लिए आगे बढ़ाते हैं, तो आपके पास दो विकल्प मौजूद रहते हैं. पहला विस्तार करने के बाद निवेश जारी रखा जाएगा. दूसरा विस्तार करने के बाद निवेश नहीं किया जाएगा. अब तक आप अपने खाते का विस्तार करने के बाद निवेश बंद नहीं किया, इसलिए रकम बहुत तेजी से बढ़ती रही. चूंकि रिटायरमेंट के बाद आप निवेश नहीं कर सकते. इसलिए अब आप निवेश नहीं करेंगे, लेकिन खाता जारी रखेंगे. चूंकि आपके अकाउंट में 66,58,288 राशि जमा है. नियम के अनुसार अब आप पीपीएफ खाते से सिर्फ ब्याज की रकम निकाल सकते हैं, 7.1% सालाना है. यानी साल में आपको ब्याज के तौर पर 937,787 रुपये मिलेंगे. अब आप इसे 12 महीनों में बांट देंगे, तो हर महीने आपको करीब 78,000 रुपये से अधिक की पेंशन मिलेगी.

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