2022 में विमानों में यात्रियों के ‘दुर्व्यवहार’ की घटनाओं में 37 फीसदी इजाफा : रिपोर्ट
आईएटीए के महानिदेशक विली वाल्श ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद लोग फिर से जुड़ने, संभावनाएं तलाशने और व्यापार करने के लिए उड़ान भर रहे हैं. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि यात्री यातायात 2019 के स्तर के 90 फीसदी से अधिक है.
इस्तांबुल : अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने सोमवार को अपनी एक विश्लेषण रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2022 में वाणिज्यिक विमानों की उड़ानों में सहयात्रियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं में करीब 37 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में वाणिज्यिक विमानों ने प्रति 835 उड़ानों में यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की घटना की सूचना दी है. हालांकि, 2021 में प्रति 568 उड़ानों में दुर्व्यहार की एक घटना की सूचना दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में नशे की हालत में और मौखिक तौर पर बहस की घटनाओं में करीब 61 फीसदी तक बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
एयरलाइंस उद्योग को 9.8 अरब डॉलर मुनाफे की उम्मीद
इसके साथ ही, आईएटीए ने यह भी कहा है कि एयरलाइंस उद्योग को इस साल 9.8 अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा होने की उम्मीद है. यात्रियों की संख्या बढ़ने और विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के फिर से पटरी पर आने से उद्योग का प्रदर्शन सुधरा है. आईएटीए के महानिदेशक विली वाल्श ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद लोग फिर से जुड़ने, संभावनाएं तलाशने और व्यापार करने के लिए उड़ान भर रहे हैं. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि यात्री यातायात 2019 के स्तर के 90 फीसदी से अधिक है.
हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज
आईएटीए के महानिदेशक विली वाल्श ने इस्तांबुल में आयोजित आईएटीए की वार्षिक आम बैठक में कहा कि हवाईअड्डों पर काफी यात्री हैं और होटलों में भी लोगों की संख्या बढ़ रही है, स्थानीय अर्थव्यवस्थाएं फिर से खड़ी हो रही हैं और एयरलाइंस उद्योग मुनाफे में आ गया है. एयरलाइंस उद्योग को इस साल 803 अरब अमेरिकी डॉलर की आमदनी और 9.8 अरब अमेरिकी डॉलर का शुद्ध लाभ होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि एयरलाइंस प्रति यात्री औसतन 2.25 डॉलर कमाएगी.
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एयरलाइंस उद्योग भी करता है टैक्स का भुगतान
अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र पर कर नहीं लगने की दलीलों को खारिज करते हुए आईएटीए ने कहा है कि करीब सात अरब अंतरराष्ट्रीय उड़ान टिकटों के विश्लेषण से पता चलता है कि एयरलाइन कंपनियों ने कर और शुल्क में 380 अरब डॉलर का भुगतान किया है. आईएटीए 300 से अधिक एयरलाइंस का समूह है. इनमें भारतीय विमानन कंपनियां भी शामिल हैं. विली वॉल्श ने कहा कि यह तर्क कि अंतरराष्ट्रीय विमानन पर कर नहीं लगता है, सही नहीं है.
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